नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक आपराधिक मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आज राहत प्रदान कर दी। न्यायालय ने उन्हें उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट दे दी। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.चेलमेश्वर तथा न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने केजरीवाल को अमेठी की अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान की।
इससे पहले वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने न्यायालय से कहा कि व्यक्तिगत पेशी की आवश्यकता नहीं है। अदालत में केजरीवाल के वकील उनका पक्ष रख सकते हैं। धवन ने अपनी दलील के समर्थन में उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया। केजरीवाल ने अपनी याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा अमेठी की एक अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश को चुनौती दी, जमानत मांगी और व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट मांगी, जिसपर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने अगले आदेश तक उनकी निचली अदालत में पेशी पर रोक लगा दी। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। केजरीवाल को 23 सितंबर को अमेठी की अदालत में पेश होना था।