नई दिल्ली । हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल)-2016 के मुकाबले स्कोरिंग के बदले हुए नियमों के तहत खेला जाएगा। लीग के चौथे संस्करण में अगर कोई टीम एक फील्ड या पेनाल्टी स्ट्रोक गोल करती है तो उसे दो गोल माना जाएगा। हॉकी इंडिया (एचआई) के अध्यक्ष और आईएचएल गवर्निग काउंसिल के प्रमुख नरेंद्र बत्रा ने सोमवार को इसकी घोषणा की। एचआईएल-4 के लिए स्कोरिंग तरीकों में और भी कई बदलाव किए गए हैं और सबके मकसद हॉकी को अधिक दर्शनीय और रोमांचक बनाना है।
बत्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एचआईएल-4 के लिए नए गोल स्कोरिंग प्वाइंट्स लागू किए गए हैं। पहली बार किसी हॉकी प्रतियोगिता में इस तरह के नियम बनाए गए हैं और उन्हें लागू किया जा रहा है। बत्रा ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) की कम्पटीशंस कमिटि एंड रूल्स कमिटि ने इसे मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी दो साल के लिए मिली है।
नए नियम के मुताबिक हर फील्ड और पेनाल्टी स्ट्रोक गोल दो गोल के बराबर माना जाएगा। हां, पेनाल्टी कार्नर के दौरान मिले पेनाल्टी स्ट्रोक पर हुए गोल को एक ही माना जाएगा। हर पेनाल्टी कार्नर पर हुए गोल को पहले ही तरह एक ही गोल माना जाएगा लेकिन नए नियम में साफ लिखा है कि हर पेनाल्टी स्ट्रोक गोल को दो गोल माना जाएगा। शूटआउट के दौरान डाइरेक्ट शूटआउट और पेनाल्टी स्ट्रोक पर हुए गोल को एक ही माना जाएगा।
अहम बात यह है लीग के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों में भी जिस खिलाड़ी ने सबसे अधिक फील्ड गोल किए हैं, वही पुरस्कार का हकदार होगा। विजयी टीम को पांच अंक मिलेंगे। ड्रॉ पर दोनों टीमों को दो-दो अंक मिलेंगे। दो या कम गोल के अंतर से हारने पर किसी टीम को एक अंक मिलेगा लेकिन तीन या उससे अधिक गोलों से हारने पर एक भी अंक नहीं मिलेगा। इसके अलावा टीम संयोजन में भी बदलाव किया गया है। एक टीम में अधिकतम 20 खिलाड़ी होंगे, जबकि शुरुआती तीन संस्करणों में 24 खिलाड़ी हुआ करते थे।एक टीम में 12 भारतीय और आठ विदेशी खिलाड़ी होंगे। इससे पहले एक टीम में 14 भारतीय और 10 विदेशी हुआ करते थे। हर टीम में दो गोलकीपर सुरक्षित होने चाहिए। शुरुआती तीन संस्करणों से उलट एचआईएल-4 में मैच शीट पर सभी खिलाड़ियों का नाम होगा और हर खिलाड़ी मैदान में उतरने का हकदार होगा।