अध्यक्ष पद पर एआईएसएफ का कब्जा
नई दिल्ली ! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने रविवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में संयुक्त सचिव पद जीतकर 14 साल बाद यहां वापसी की है। अध्यक्ष पद पर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) को जीत मिली है। उपाध्यक्ष और महासचिव के पद ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने जीते हैं।
जवाहरलाल नेहरू विवि छात्रसंघ चुनाव में संयुक्त सचिव का पद एबीवीपी के सौरभ शर्मा ने जीता है।
इससे पहले एबीवीपी ने 2001 में यहां जीत हासिल की थी। तब संदीप महापात्रा एक वोट के अंतर से अध्यक्ष पद पर विजयी हुए थे।
सौरभ शर्मा ने आईएएनएस से कहा, "मुझे खुशी है कि एबीवीपी ने 14 साल बाद जेएनयू में वापसी की है। मुझे अपनी जीत का भरोसा था, क्योंकि हम छात्रों के कल्याण के लिए चुनाव लड़ रहे थे। मैं जेएनयू के छात्रों को शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया।"
उन्होंने कहा कि वह महिलाओं की सुरक्षा और नए छात्रावासों के निर्माण को प्राथमिकता देंगे।
जवाहरलाल नेहरू विवि छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से संबद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने जीत हासिल की है। उपाध्यक्ष और महासचिव के पद ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की झोली में गए हैं। ये पद क्रमश: शहला राशिद शोरा और राम नागा ने जीते हैं।
जेएनयू चुनाव के मुख्य निर्वाचन आयुक्त प्रवीण थल्लापेल्ली ने कहा, "चुनाव नतीजे आज (रविवार) सुबह आठ बजे घोषित किए गए। क्योंकि चुनाव के लिए मतपत्र का प्रयोग किया गया था और उनकी गिनती हाथ से हुई है। इसलिए जेएनयू में मतगणना प्रकिया में ज्यादा समय लगा है। विश्वविद्यालय में मतदान प्रतिशत भी अपेक्षाकृत ज्यादा है। एबीवीपी ने करीब 15 साल बाद जेएनयू में वापसी की है।"
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने अध्यक्ष पद पर आइसा उम्मीदवार को 67 वोटों हराया। आइसा के उम्मीदवार ने अपने एबीवीपी के प्रतिद्वंद्वी को 234 वोटों से हराकर उपाध्यक्ष पद जीता। आइसा उम्मीदवार ने 213 मतों से एबीवीपी उम्मीदवार को हराकर महासचिव का पद भी अपने नाम कर लिया। संयुक्त सचिव के पद पर एबीवीपी ने आइसा को 28 वोटों से हराया।
जेएनयू सूत्रों के अनुसार, आइसा की शहला राशिद जेएनयू के इतिहास में छात्रसंघ चुनाव में जीत हासिल करने वाली पहली कश्मीरी महिला हैं। वह इस साल सर्वाधिक वोट (1,387) पाने वाली उम्मीदवार भी हैं।
शहला ने उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने के बाद कहा, "यह जीत संघर्षो को आगे बढ़ाने का जनादेश है, जिसके लिए जेएनयूएसयू जाना जाता है। हम सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता और शिक्षा के निजीकरण एवं भगवाकरण के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे।"
जेएनयू में शुक्रवार को हुए छात्रसंघ चुनाव में 53.3 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें पिछले साल की अपेक्षा मामूली गिरावट देखी गई है। पिछले साल 54.58 फीसदी मतदान हुआ था।
जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ के केंद्रीय पैनल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए कुल 22 उम्मीदवार मैदान में थे।