नई दिल्ली ! राज्य सरकार द्वारा गठित जांच आयोग ने विशेष जांच दल के समक्ष पेश न होने के लिए भ्रष्टाचार निवारक ब्यूरो (एसीबी) के प्रमुख एम.के. मीणा के खिलाफ शुक्रवार को गैर जमानती वारंट जारी किया।
आयोग ने यह आदेश भी जारी किया कि एसीबी प्रमुख का 30 प्रतिशत वेतन प्रति माह काट लिया जाएगा।
आयोग का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है, जब एसीबी ने सीएनजी घोटाले में एक आरोप पत्र दाखिल करने का निर्णय लिया है।
जांच आयोग ने मीणा से पूछा है कि उन्होंने एसीबी के अधिकारियों को यह निर्देश क्यों दिया कि सीएनजी घोटाले से संबंधित कोई जानकारी जांच आयोग को न दी जाए।
अरविंद केजरीवाल सरकार ने करोड़ों रुपये के सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक जांच आयोग गठित करने की घोषणा 11 अगस्त को की थी। इस घोटाले में पूर्व की शीला दीक्षित सरकार के कई अधिकारी संदेह के दायरे में हैं।
सीएनजी फिटनेस घोटाला 2012 में उस समय सामने आया था, जब एसीबी ने पाया था कि सीएनजी वाहनों को संचालन एवं रखरखाव प्रमाणन का ठेका ईएसपी यूएसए के बदले ईएसपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को देने के कारण दिल्ली सरकार को 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था।