नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने 2002 के हिट एंड रन मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को बंबई उच्च न्यायालय से मिली जमानत निरस्त करने संबंधी याचिका की सुनवाई से आज इन्कार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की पीठ याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों से संतुष्ट नजर नहीं आई। हालांकि न्यायालय ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
याचिका में सलमान को दी गई जमानत रद्द करने और निचली अदालत द्वारा सलमान को सुनाई गई पांच साल की सजा बढ़ाने की मांग की गई थी।
मौत का शिकार हुए मुख्य गवाह रवीन्द्र हिम्मत राव पाटिल की मां सुशीला बाई हिम्मत राव पाटिल ने वकील दीपक गोयल के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने बॉलीवुड के ‘दबंग’ की सजा निलम्बित किये जाने तथा सजा की अवधि बढ़ाने का अदालत से अनुरोध किया था।
सलमान खान के खिलाफ 2002 से जुड़े ‘हिट एंड रन’ मामले में गत छह मई को 13 साल बाद सजा का एलान किया गया था। इस मामले में सलमान खान को दोषी करार देते हुए न्यायालय ने गैर-इरादतन हत्या के मामले में पांच साल की सजा सुनाई थी,लेकिन बाद में सलमान को इस मामले में आठ मई को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी।
गौरतलब है कि 28 सितंबर 2002 को सलमान ने बांद्रा में एक बेकरी के बाहर सो रहे कुछ लोगों पर अपनी लैंड क्रूजर कार चढ़ा दी थी। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि चार अन्य घायल हुए थे।