नयी दिल्ली ! देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न ग्रहण करने अमेरिका से दिल्ली पहुंच चुकी विश्व की नंबर एक युगल टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने शुक्रवार को यहां कहा कि उनके लिए इस सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित होना बड़े गौरव की बात है। सानिया राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित होने जा रहे अन्य खिलाड़ियों के साथ उनके सम्मान में मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित रात्रि भोज में जैसे ही पहुंची तमाम मीडियाकर्मियों ने इस दिग्गज खिलाड़ी को घेर लिया। दरअसल पैरालंपियन एच एन गिरिशा की याचिका पर कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा खेल रत्न देने पर रोक लगाए जाने के बाद यह मामला सुर्खियों में उछल रहा है और सानिया खुद किसी भी तरह के विवाद में पड़ना नहीं चाहती। मीडियाकर्मियों के लगातार आग्रह के बाद सानिया ने कहा “मैं सिर्फ तीन सवालों के जवाब दूंगी और इसमें किसी भी तरह का विवादित सवाल नहीं होना चाहिए। यदि किसी ने ऐसा सवाल पूछा तो मैं तुरंत बात करना बंद कर दूंगी।” हालांकि खेल मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि शनिवार शाम को राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और सानिया को खेल रत्न देने का फैसला अंतिम है। सानिया ने विशेष रूप से खेल मंत्रालय को धन्यवाद देते हुए कहा “मैं मंत्रालय की शुक्रगुजार हूं जिसने मेरे नाम की सिफारिश की थी। मैं खुद को बेहद गौरवान्वित महसूस कर रही हूं कि मुझे देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार मिलेगा।”
सानिया अमेरिका में वर्ष के आखिरी ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन की तैयारियों में व्यस्त थी और खेल रत्न को ग्रहण करने के लिए विशेष रूप से अनुमति लेकर दिल्ली आई है। सानिया ने कहा “मैंने यहां आने के लिए आयोजकों से अनुमति ली थी और उन्होंने मेरे आग्रह को ध्यान में रखते हुए कहा है कि मेरे मैचों के कार्यक्रमों में कुछ परिवर्तन कर देंगे। मुझे अपना पहला मैच बुधवार या गुरुवार को खेलना होगा।”
उन्होंने बताया कि शनिवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से यह पुरस्कार ग्रहण करने के बाद वह देर रात की फ्लाइट से वापस अमेरिका रवाना हो जाएगी। काफी खुश दिखाई दे रही सानिया को पूरी उम्मीद है कि उन्हें कल खेल रत्न मिल जाएगा लेकिन उनके मन में कहीं थोड़ी आशंका दिखाई दे रही है कि उच्च न्यायालय के आदेश का कहीं कोई असर न दिख जाए इसलिए वह इस मामले पर कुछ भी कहने में बेहद सावधानी बरत रही थी।
सानिया का मैनेजमेंट देख रही उनकी सहयोगी ने पहले कहा भी था कि कल पुरस्कार मिलने के बाद वह मीडिया से बातचीत कर लेंगी लेकिन मीडियाकर्मियों के लगातार आग्रह के बाद सानिया आखिर बातचीत के लिए तैयार हो गई। उन्होंने कहा “यह एक बड़ा सम्मान है जो मुझे आगे और अच्छा करने के लिए प्रेरित करेगा। मैं खुश और गौरवान्वित हूं।”
इससे पहले मंत्रालय के सूत्रों ने यूनीवार्ता से कहा,“ पुरस्कार समारोह के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है और सानिया को खेल रत्न देने का फैसला अंतिम है।” उल्लेखनीय है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने आदेश पर मंत्रालय को जवाब देने के लिये 15 दिन का समय दिया है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय को नोटिस मिल चुका है आैर इसका अध्ययन के बाद जवाब दे दिया जायेगा।