नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) भर्ती घोटाले के सभी मामलों को हाथ में लेने के लिए तीन सप्ताह का और समय देने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की मांग आज स्वीकार कर ली।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एवं अन्य की याचिकाओं की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश एच दल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि जांच एजेंसी उन मामलों को भी अपने हाथ में लेगी जिनमें आरोप पत्र दायर किये जा चुके हैं।
न्यायालय ने एटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को व्यापमं घोटाले की जांच में सहयोग के लिए विभिन्न राज्यों से पर्याप्त अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने को भी कहा है।
न्यायमूर्ति दत्तू ने कहा कि सरकार सीबीआई में अधिकारियों की कमी का रोना हमेशा रोती रही है, लेकिन व्यापमं की जांच अधिकारियों की कमी के कारण कतई प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
गौरतलब है कि सीबीआई ने व्यापमं भर्ती घोटाले के सभी मामलों को अपने हाथ में लेने के लिए उच्चतम न्यायालय से तीन सप्ताह का और वक्त मांगा था। सीबीआई ने सीलबंद लिफाफे में एक हलफनामा दायर करके यह मांग की थी।