नई दिल्ली । 'वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) पर केंद्र सरकार की ओर से आश्वासन मिलने के बावजूद जंतर-मंतर पर आंदोलनरत पूर्व सैनिकों में से एक अन्य सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी ने आज आमरण अनशन शुरू कर दिया। भारतीय सेना के हवलदार (सेवानिवृत्त) अशोक चौहान ने मंगलवार को कर्नल (सेवानिवृत्त) पुष्पेंद्र सिंह तथा हवलदार (सेवानिवृत्त) मेजर सिंह के साथ आमरण अनशन शुरू कर दिया।
इन लोगों ने सोमवार को आमरण अनशन शुरू किया था।पूर्व सैनिकों के प्रदर्शन के 65वें दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों से संपर्क किया और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार ओआरओपी के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शनिवार को ओआरओपी को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा कोई घोषणा नहीं किए जाने से नाराज पूर्व सैन्यकर्मियों ने आमरण अनशन का निर्णय लिया।
स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले शुक्रवार को पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन स्थल से हटाने के प्रयासों पर भी आंदोलनकारी क्षुब्ध दिखे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर रविवार को आंदोलनकारियों के एक समूह से मिले और यह कहते हुए उनसे आमरण अनशन 24 अगस्त तक टालने का अनुरोध किया था कि वह 23 अगस्त को प्रधानमंत्री से मिलेंगे। पूर्व सैनिक हालांकि उनकी बात से सहमत नहीं हुए।