नई दिल्ली ! सीबीआई ने कोयला ब्लाक आबंटन में कथित अनियमितता मामले में आज एक नई प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें आदित्य बिडला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख का नाम शामिल है। यह पहली बार है, कि इस मामले में इतने बड़े लोगों का नाम प्राथमिकी में आया है।सीबीआई प्रवक्ता कंचन प्रसाद ने बताया कि जांच एजेंसी की ओर से इस घोटाले में 14वीं प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें एल्युमीनियम निर्माता कंपनी मैसर्स हिडांलको के प्रतिनिधि के तौर पर श्री बिड़ला का नाम शामिल किया गया है। प्रवक्ता के अनुसार प्राथमिकी में श्री पारेख तथा कुछ अज्ञात अधिकारियों और लोगों के नाम शामिल किए गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि जांच एजेंसी की ओर से नई दिल्ली, मुंबई, सिकंदराबाद और भुवनेश्वर में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने छापे के दौरान जब्त दस्तावेजों के बारे में कोई जानकारी देने से इनकार किया। प्रवक्ता के अनुसार इस मामले में जांच फिलहाल जारी है और विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा है। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (दो), 13 (एक)(डी के साथ पठित) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। आईपीसी की धारा 120बी आपराधिक साजिश रचने से जुड़ा है। यह मामला 2005 में ओडिशा के तालाबिरा दो और तीन के आबंटन में कथित अनियमितता से जुडा है। ये ब्लॉक बिजली उत्पादन के लिए आबंटित किए गए थे। ये पहली बार है जब किसी बड़े उद्योगपति व किसी बड़े अफसर को कोयला घोटाले में नामजद किया गया है। सुप्रीम कोर्ट से लगातार मिल रही फटकार के बाद जागी सीबीआई ने कोयला आबंटन घोटाले में कार्रवाई तेज कर दी है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक पूर्व कोल सचिव पीसी पारिख की भूमिका पर सीबीआई को ना केवल 2005 में हुए आबंटनों में बल्कि दूसरे आबंटनों में भी शक है। जल्द ही सीबीआई कुमारमंगलम और आदित्य बिड़ला के साथ-साथ पीसी पारिख को पूछताछ के लिए बुला सकती है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक कोल ब्लॉक की लापता फाइलों के मामले में कोल मंत्रालय के कई अधिकारियों पर भी शक है। यही वजह है कि सीबीआई ने इस मामले में पूर्व कोल सचिव पीसी पारिख से पूछताछ करने के बाद मामला दर्ज करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि सीबीआई को 1993 से 2005 और 2006 से 2009 के बीच आबंटित कोयला खंडों से जुड़ीं करीब 130 अहम फाइलें नहीं मिली हैं। इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर कोयला मंत्रालय के करीब दर्जन भर अफसरों से पूछताछ की है।कंपनी ने आरोप नकारेएल्युमीनियम निर्माता कंपनी हिंडालको ने अपने और अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला के विरूध्द कोयला ब्लाक आबंटन मामले में अनियमितता के आरोपों को 'असत्य' बताया है। हिंडालको के प्रबंध निदेशक डी.भट्टाचार्य ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि सीबीआई की नई प्राथमिकी में हिंडालकों और इसके अध्यक्ष श्री बिडला पर लगाए गए आरोप वास्तविकता से परे हैं और असलियत कुछ और हैं। बयान में श्री भट्टाचार्य ने दावा किया कि इस संबंध मेंं सब कुछ कानून सम्मत किया गया है। उन्होंने कहा है कि तलबीरा द्वितीय कोयला खदान के लिए आवेदन 1996 में इंडेल कंपनी ने किया था जो कि कनाडा की कंपनी अल्कान की भारतीय सहयोगी कंपनी है। हिंडालको ने वर्ष 2000 में इंडेल का अधिग्रहण कर लिया था। खदान का वास्तविक आबंटन वर्ष 2005 में किया गया।