• लाल किले से इंडिया गेट के बीच रहेगा कार फ्री डे

    नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के कार फ्री डे का शुभारंभ सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे के बीच लाल किला से इंडिया गेट तक रहेगा। सुभाष मार्ग, बहादुरशाह जफर मार्ग, तिलक ब्रिज व तिलक मार्ग पर कार नहीं चलेंगी लेकिन दिल्ली परिवहन निगम की बसें यहां चलती रहेंगी...

    केजरीवाल और उनके मंत्री करेंगे साइकिल की सवारी नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के कार फ्री डे का शुभारंभ सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे के बीच लाल किला से इंडिया गेट तक रहेगा। सुभाष मार्ग, बहादुरशाह जफर मार्ग, तिलक ब्रिज व तिलक मार्ग पर कार नहीं चलेंगी लेकिन दिल्ली परिवहन निगम की बसें यहां चलती रहेंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लाल किले पर कार्यक्रम का शुभारंभ कर साइकिल रैली से भगवान दास मार्ग तक जाएंगे। इस दौरान उनके मंत्री भी साथ होंगे और परिवहन मंत्री गोपाल राय बस में सवार होकर आयोजन स्थल तक पहुंचेंगे। गोपाल राय ने मांगा सहयोग ''कार फ्री डे के लिए दिल्ली परिवहन निगम द्वारा सामान्य रुटों के अतिरिक्त इस दिन रुट संख्या 502 पर लाल किला से इंडिया गेट तक 10 मिनट के अन्तराल में शटल बस सेवा चलाई जायेगी। यात्रियों की सुविधा एवं मार्गदशन के लिए प्रयाप्त मात्रा में विभिन्न स्थानों पर दिल्ली परिवहन निगम के अधिकारी एवं यातायात परिवेक्षक कर्मचारी तैनात किए जाएंगे जिससे कि यात्रियों को अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने में असुविधा ना हो। दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली वासियों से की अपील की है वह दिल्ली में प्रदूषण से बहुत राहत देने के लिए कार की जगह बस से सफर करें। श्री राय ने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने में सहयोग मांगते हुए कहा कि हम सभी मिलकर दिल्ली को प्रदूषण से मुक्ति दिला सकते हैं। कार फ्री डे को भाजपा ने बताया प्रचार अभियान, कंपनियों को पहुंचा रहे हैं लाभ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली सरकार का नो कार डे अंतत: एक प्रचार कैम्पेन बन कर रहा गया है जिसका लाभ केवल विज्ञापन कम्पनियों को पहुंचा है।  केजरीवाल सरकार ने इसको एक जनभागीदारी कार्यक्रम की बजाए सत्ताधारी पार्टी का इवेन्ट डे बना दिया है। नो कार डे का मकसद होता है सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करके भीड़भाड़ और प्रदूषण घटाना।  केजरीवाल सरकार ने इसको इस दृष्टि से न लेकर केवल एक प्रचार  अभियान बना दिया और जल्दबाजी में लाल किले से तिलक मार्ग तक महत्वहीन मात्र तीन किलो मीटर के क्षेत्र में नो कार डे कर सत्ताधारी दल के लोगों की साइकिल रैली पर सरकार के खजाने से भारी खर्च होगा। बेहतर होता कि सरकार छात्रों, कार्यालय में आने जाने वाले लोगों को एक दिन सार्वजनिक परिवहन इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करती।


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