• संविधान धर्म निरपेक्ष है इसे जमीनी स्तर पर लागू किया जाए: जस्टिस सच्चर

    नई दिल्ली ! जस्टिस राजेन्द्र सच्चर ने कहा है कि मुसलमान इस देश का नागरिक है और यह कहना कि उसे मुख्यधारा में लाया जाए बिल्कुल गलत है क्योंकि इससे साम्प्रदायिक तत्वों को ताकत मिलती है...

    नई दिल्ली !   जस्टिस राजेन्द्र सच्चर ने कहा है कि मुसलमान इस देश का नागरिक है और यह कहना कि उसे मुख्यधारा में लाया जाए बिल्कुल गलत है क्योंकि इससे साम्प्रदायिक तत्वों को ताकत मिलती है। इंडिया इन्टरनेशनल सेन्टर में आज मुख्यधारा में शिक्षा के माध्यम से मुसलमानों का सशक्तिकरण विषय पर आयोजित एक सेमीनर में उन्होने कहा कि संविधान धर्म निरपेक्ष है और सरकार को उसे जमीनी स्तर पर लागू करना चाहिए। मुसलमानों ने न केवल देश के स्वतन्त्रता आन्दोलन मे उल्लेखनीय भूमिका निभाई है बल्कि देश को धर्म निरपेक्षता मे भी योगदान दिया है। इस अवसर पर नेशनल कमीशन फॉर मायनॉरिटी एजूकेशनल इन्सट्रियूूशन्स के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस एमएसए सिददीकी ने सेमीनार की अध्यक्षता करते हुए कहा कि साम्प्रदायिक तत्व लगातार न केवल मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं जबकि भारत एक बहु-धार्मिक देश है और उसकी अनेकता मे ही एकता हमारा कल्याण है। इस समय मुसलमानों के सामने सबसे बड़ी समस्या, सामाजिक तनाव की है। उन्होने कहा कि मुसलमानों को अपने आप को अल्पसंख्यक नहीं मानना चाहिए क्योंकि वे देश की दूसरे सबसे बड़े धार्मिक समूह हैं। जस्टिस सिद्दीकी ने कहा कि मुसलमानों की समस्या यह है कि जो काम अल्लाह का है वह उन्होंने अपने जिम्मे ले लिया है और अपने काम अल्लाह पर छोड़ दिए हैं और सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह आधुनिकता को बहुत देर से अपनाते हैं। इग्नू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद असलम ने कहा कि विगत छह दशक से मुसलमान शिक्षा क्षेत्र मे आगे नहीं बढ़ पा रहे है और इसलिए उन्हें तकनीकी संस्थान खोलने चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व तेज गति से आगे बढ़ रहा है और प्रत्येक देश मे राजनीतिक एवं सामाजिक बदलाव हो रहे है। इसलिए भारतीय मुसलमानो को निरन्तर अपने अन्दर बदलाव करना होगा। जामिया उर्दू के ओएसडी, फरहत अली खान ने कहा कि छोटे-छोटे नगरों और कस्बों में प्राईमरी स्कूल स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मुसलमानो को सरकार द्वारा जारी की गई योजनाओं जैसे स्किल इण्डिया को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ मुसलमानों को उद्योग और व्यापर की ओर भी ध्यान देना चाहिए तथा आधुनिक तरीके अपनाने चाहिए। कार्यक्रम में सर सैयद आलेख लेखन प्रतियोगिता-2015 के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।


     

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