नई दिल्ली ! खाद्य एवं व्यापार उद्योग को तुगलकी फरमानों और रवैए से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए नेशनल ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडड्र्स अथॉरिटी के क्रियाकलापों की सीबीआई जांच की मांग की है। 11 राष्ट्रीय संगठनों के नेताओं ने अथॉरिटी का सामूहिक विरोध करते हुए कहा कि नियम एवं कानून को ताक पर रखकर अथॉरिटी तुगलकी तौर से कार्य कर रही है, जिससे खाद्य उद्योग एवं व्यापार को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में अथॉरिटी की एडवाइजरी को गैर कानूनी घोषित करके उसके मनमाने रवैए का प्रमाण दिया है। उन्होंने कहा कि अथॉरिटी के कार्यकलापों की शिकायत को लेकर जल्द ही वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को एक चार्ज शीट सौंपेगें। व्यापारियों ने कहा कि खाद्य वस्तुओं के व्यापारियों को पंजीकरण कराने का मामला वर्ष 2011 से कई बार स्थगित हुआ जो बताता है कि अथॉरिटी अपने कार्य के प्रति गंभीर नहीं है और कानून को तोड़ मरोड़कर परेशानियां पैदा करना, पारदर्शिता के अभाव से अथॉरिटी कुछ व्यक्तियों के हाथों का खिलौना बन गई है। व्यापारी नेताओं ने कहा कि अथॉरिटी के रवैए को देखकर कमेटी ने अथॉरिटी को वास्तविक रूप से एक रेगुलेटर बनाने के लिए सरकार से बातचीत करने का निर्णय लिया है। वर्ष 2013 में प्रोडक्ट को मंजूरी की एडवाइजरी जारी करने से लेकर 19 अगस्त 2015 तक जब उच्चतम न्यायालय ने एडवाइजरी को गैर कानूनी घोषित किया।