जयपुर ! राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य के गृह विभाग को निर्देश दिया है कि वह पुलिस विभाग में कांस्टेबल के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतनमान (रनिंग पे स्केल के बिना) तथा अन्य भत्तों की राज्य होमगार्डस की मांगों पर इस वर्ष मार्च से विचार करें।
राज्य के हाेमगार्डस विभाग में तैनात इन गृहरक्षकों ने नियमित वेतनमान और अन्य आनुषांगिक भत्ते दिए जाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक ने इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए गृह विभाग को यह आदेश दिया है कि होमगार्डस को पुलिस कांस्टेबल के लिए निधारित न्यूनतम वेतनमान दिया जाए। होमगार्डस ने यह मांग भी की थी कि रोटेशन पर ड्यूटी लगाने की पालिसी समाप्त की जाए और उनकी तैनाती पूरे समय के लिए की जाए।
न्यायालय ने यह भी पूछा कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय और राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर खंडपीठ का दो माह पहले फैसला आने के बावजूद आखिर उन्हें इसका लाभ क्यों नहीं दिया गया है।
याचिकाकर्ताओं के वकील शेर सिंह महला ने कहा कि ईश्वर सिंह एवं अन्य के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि होमगार्डो को पुलिस विभाग में कांस्टेबल के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतनमान (रनिंग पे स्केल के बिना) एवं अन्य भत्ते इस वर्ष मार्च से दिए जाए लेकिन गृह विभाग ने इस पर कोई अमल नहीं किया था।