• 33 फीसदी फसल नुकसान पर मिलेगा मुआवजा

    रायपुर ! राज्य सरकार ने किसानों के व्यापक हित में प्राकृतिक आपदा से फसलों को क्षति होने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत दी जाने वाली सहायता के नियमों को सरल बना दिया है। अब प्राकृतिक आपदा से फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक हानि होने पर भी किसानों को मुआवजा मिलेगा। पूर्व में 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर आर्थिक सहायता दी जाती थी।...

    पशुओं की मौत पर भी सहायता राशि में वृद्धि रायपुर !  राज्य सरकार ने किसानों के व्यापक हित में प्राकृतिक आपदा से फसलों को क्षति होने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4  के तहत दी जाने वाली सहायता के नियमों को सरल बना दिया है। अब प्राकृतिक आपदा से फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक हानि होने पर भी किसानों को मुआवजा मिलेगा। पूर्व में 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर आर्थिक सहायता दी जाती थी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में लगभग तीन माह पूर्व नौ जून को यहां आयोजित प्रदेश मंत्री-परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज यहां बताया कि किसानों को प्राकृतिक आपदा से क्षति होने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत अधिक से अधिक तत्कालिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान होने पर ही सहायता देने का प्रावधान था। अब इसे संशोधित कर 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर भी सहायता देने का निर्णय लिया गया है।दो हेक्टेयर तक के भूमिधारी किसानों को असिंचित भूमि के लिए निर्धारित अनुदान की दर को बढ़ाकर छह हजार 800 रूपए प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। पहले यह दर चार हजार 500 रूपए थी। सिंचित जमीन के लिए निर्धारित सहायता राशि नौ हजार रूपए प्रति हेक्टेयर को बढ़ाकर 13 हजार 500 प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। इसके अलावा दो हेक्टेयर से अधिक भूमिधारी किसानों को भी अधिकतम दस हेक्टेयर तक की सीमा तक 33 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान होने पर असिंचित भूमि पर छह हजार 800प्रति हेक्टेयर तथा सिंचित भूमि पर 13 हजार 500 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता दी जाएगी। किसानों और पशु पालकों को गाय, भैंस आदि पशुओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 30 हजार प्रति पशु किया गया है। पूर्व में इसके लिए 16 हजार 400 की आर्थिक सहायता मंजूर की जाती थी। इसी प्रकार भेड़-बकरियों और सुअरों की आकस्मिक मृत्यु होने पर अब तीन हजार प्रति पशु के मान से मुआवजा दिया जाएगा।  इसी तरह मछली पालक किसानों की नौका को आंशिक नुकसान होने पर अब चार हजार 100 रूपए की सहायता मिलेगी। नौका को पूर्ण रूप से क्षति होने पर अब नौ हजार छह सौ रूपए का मुआवजा दिया जाएगा। इसी तरह जाल को आंशिक नुकसान होने पर दो हजार एक सौ रूपए तथा पूरी तरह नुकसान होने पर दो हजार छह सौ रूपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। फलदार वृक्षों- पपीता, केला, अनार, अंगूर की फसलों को नुकसान पर अब किसानों को प्रति हेक्टेयर 13 हजार 500 रूपए तथा फूलों की खेती को नुकसान होने पर प्रति हेक्टेयर छह हजार रूपए की राशि स्वीकृत की जाएगी।


अपनी राय दें