नई दिल्ली, 30 जनवरी । राजधानी के मंगोलपुरी इलाके में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से एक मरीज का हाथ खराब होने का मामला प्रकाश में आया है। इस बाबत दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने पुलिस को पत्र लिख कर मांग की है कि झोला छाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया जाए। जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों पूर्व रोहिणी निवासी 26 वर्षीय राजकुमार नामक एक युवक बुखार व जुखाम होने पर इलाज के लिए मंगोलपुरी क्षेत्र में क्लिनिक चला रहे एस.एन.मंडल के पास गया। एस.एन.मंडल ने राजकुमार के हाथ में वावेरॉन नामक दवा का इंजेक्शन मांस में देने के बजाय नस में दे दिया, जिसकी वजह से राजकुमार का हाथ सूज गया। दूसरे दिन इलाज के लिए जब राजकुमार एस.एन.मंडल के पास गया तो उसने गरम पानी से धोने को कहा, लेकिन इसके बावजूद जब हाथ में सूजन और अधिक बढ ग़ई तो राजकुमार रोहिणी स्थित डॉ. भीम राव अंबेडकर अस्पताल गया, जहां डॉक्टरों ने कहा कि उसका हाथ खराब हो गया। इसके बाद राजकुमार ने पुलिस थाने में शिकायत की। पुलिस ने इस बाबत दिल्ली मेडिकल काउंसिल को सूचित किया। काउंसिल ने इस मामले में एक जांच टीम का गठन किया और जांच शुरू की। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल बंसल के मुताबिक एस.एन.मंडल मात्र आठवीं तक पढा है और वह पटना के किसी आयुर्वेदिक कॉलेज से फर्जी डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि इस बाबत डीएमसी ने पुलिस से एस.एन.मंडल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। डॉ. बंसल का कहना है कि ऐसे मामले में डीएमसी एक्ट के तहत तीन साल की सजा और 20 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है।