Top
Begin typing your search above and press return to search.

आईएचजीएफ दिल्ली मेले 2019 को लेकर हुई परिचर्चा

 44वें आईएचजीएफ-दिल्ली मेले में वसंत-ग्रीष्म-2019 के रुझानों एवं पूर्वानुमानों को लेकर एक सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें फिलिपींस की अंतरराष्ट्रीय डिजाइनर पीजे. अरनादोर व जर्मनी के है

आईएचजीएफ दिल्ली मेले 2019 को लेकर हुई परिचर्चा
X

ग्रेटर नोएडा। 44वें आईएचजीएफ-दिल्ली मेले में वसंत-ग्रीष्म-2019 के रुझानों एवं पूर्वानुमानों को लेकर एक सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें फिलिपींस की अंतरराष्ट्रीय डिजाइनर पीजे. अरनादोर व जर्मनी के है बर्ग स्थित ट्रेन्डकोच की एरिका मेरो ने प्रतिभागियों को 2019 के लिए प्रमुख रंग, उपभोक्ताओं के मूड, उपयुक्त सामान, प्रमुख पैटर्न और जरूरी तस्वीरों से अवगत कराया।

इनबाउंड निवेश के लिए टॉप-10 आकर्षक गंतव्यों में जगह बनाने वाले भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता है, और कृषि के बाद देश में सबसे ज्यादा रोजगार उत्पन्न करने वाले क्षेत्र के रूप में हस्तशिल्प सेक्टर की ताकत को देखते हुए, यह समय की मांग है कि दुनिया भर के बाजारों में अपने उत्पादों की वैश्विक हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कच्चे माल के स्रोत, डिजाइन और हस्तकौशल इत्यादि समेत हस्तशिल्प के प्रवर्धन के लिए विदेशी निवेश को लाने के लिए हस्तशिल्प निर्यात समुदाय को अवगत कराएं।

इस परिचर्चा के दौरान ईपीसीएच के अध्यक्ष ओ. पी. प्रह्लादका, मार्केट इनसाइट कंसल्टेंट के सीईओ संजय नागी, कपड़ा क्षेत्र की निवेश सलाहकार इन्वेस्ट इंडिया की शिवीणा दीक्षित, समथिंग एल्स की सीईओ रुमा मलिक, अनुसंधान एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग आईआईएफटी के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉक्टर राकेश मोहन जोशी प्रमुख वक्ताओं में से थे।

ईपीसीएच के ईडी राकेश कुमार ने बताया कि सेमिनार और परिचर्चा दोनों में भाग लेने वालों ने वसंत-ग्रीष्म-2019 के संग्रह के लिए खुद को तैयार करने और हस्तशिल्प क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाने के संबंध में इन कार्यक्रमों को बहुत उपयोगी पाया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it