• हॉकी स्टेडियम का पुराना गौरव लौटेगा

    मध्यप्रदेश शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा शहर के ऐशबाग हॉकी स्टेडियम ...

    भोपाल !   मध्यप्रदेश शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा शहर के ऐशबाग हॉकी स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उन्नत तकनीक की फ्लड लाईट लगा देने से अब स्टेडियम के पुराने गौरव के दिन लौटने के संकेत मिलने लगे है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक संजय चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 अगस्त, 2007 को खेल दिवस के अवसर पर ऐशबाग स्टेडियम मैदान पर सिंथेटिक टर्फ और 10 जून, 2008 को फ्लड लाईट लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि विभाग ने मुख्यमंत्री की घोषणा पर अविलंब कार्रवाई करते हुए सबसे पहले फ्लड लाईट लगाने का कार्य पूरा कर दिया है।उन्होंने बताया कि इस स्टेडियम के मैदान के चार कोनों में चार हाई मास्क पोल स्थापित किए गए हैं। इनमें दो पोलों पर 20-20 और दो पोलों पर 21-21 हाई वोल्टेज की दूधिया रोशनी देने वाली लाईटें लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात को जब मैदान पर लगी फ्लड लाईट का करीब एक घंटे तक परीक्षण किया गया तो चारों पोलों पर लगे कुल 82 लाईटों के प्रकाश से पूरा मैदान दूधिया रोशनी से जगमगा गया। चौधरी ने बताया मैदान पर सिंथेटिक टर्फ लगाने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है जो आगामी दस जून तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मैदान पर सिंथेटिक टर्फ लगाने का कार्य मलेशिया और थाईलैंड की विश्व प्रसिध्द कंपनी स्पोट्र्स टेक्नोलॉजी द्वारा किया जा रहा है। यह कंपनी अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैदानों पर एस्ट्रो और सिंथेटिक टर्फ लगाने का कार्य लंबे समय से कर रही है। उन्होंने बताया कि मैदान में जो सिंथेटिक टर्फ लगाया जा रहा है वह अंतर्राष्ट्रीय महासंघ के मानकों के अनुरूप है।  टर्फ पर अभ्यास और मैच के लिए अनिवार्य रूप से डाले जाने वाले पानी की व्यवस्था के लिए मैदान के चारों तरफ रेन गन स्थापित कर दी गई है। श्री चौधरी ने बताया कि बताया कि दर्शकों को मैच का स्कोर, गोल करने वाले खिलाड़ी का नाम और उसकी जर्सी नंबर जानने के लिए मैदान के पेवेलियन की दायीं तरफ अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक स्कोर बोर्ड भी लगा दिया गया है। यह इलेक्ट्रॉनिक स्कोर बोर्ड पूरी तरह से कार्डलैस होकर रिमोट से संचालित होगा। श्री चौधरी ने बताया कि सिंथेटिक टर्फ लगाने का कार्य पूरा होने के बाद मैदान में फ्लड लाईट के अंतिम रूप से परीक्षण के लिए बजाज कंपनी के मुंबई स्थित कार्यालय से विशेषज्ञ इंजीनियर यहां आयेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इसी तरह का सिंथेटिक टर्फ मध्यप्रदेश राय महिला हॉकी अकादमी, ग्वालियर के मैदान पर लगाया गया है। इसके अतिरिक्त यह टर्फ राजधानी भोपाल में मयूर पार्क के सामने स्थित खेल छात्रावास के पीछे खुले परिसर में स्थित राय पुरुष हॉकी अकादमी में भी लगाया जा रहा है। इसके बाद ऐसा टर्फ सिवनी शहर के खेल मैदान पर भी स्थापित किया जायेगा। फ्लड लाईट के परीक्षण के दौरान उपस्थित पूर्व ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी जलालुद्दीन रिजवी ने कहा कि आज का दिन उनके लिए बेहद भावुकता भरा है, क्योंकि उन्हें इस ऐशबाग के मैदान से आत्मीय लगाव है। इस मैदान पर अपने बाल्यकाल में हॉकी खेलना शुरू किया और भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। जैसे ही मैदान पर फ्लड लाईट चालू की गई, तो उसकी स्टेडियम में दुधिया रोशनी की जगमगाहट को देखकर उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। उन्होंने कहा कि राय के मुख्यमंत्री ने भोपाल के हॉकी के पुराने गौरव को लौटाने का पूरी ईमानदारी के साथ प्रयास किया है उससे निश्चित रूप से अब ऐसा लगने लगा है कि हॉकी की नर्सरी के नाम से प्रसिध्द भोपाल का पुराना गौरव वापस लौटेगा। उन्होंने कहा कि भोपाल हॉकी संघ के विवाद से एक दशक से अधिक समय से यहां के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इस विवाद को सब पक्षों को आपस में बैठकर सुलझाने की आवश्यकता है।

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