• पचराही में मिले प्राचीन अवशेष

    कबीरधाम जिले से महज 39 किमी दूर पचराही में पुरातत्व विभाग को खुदाई में प्राचीन मंदिर, बैल, लोहे का चुल्हा सहित कई सिक्के ...

    रायपुर। कबीरधाम जिले से महज 39 किमी दूर पचराही में पुरातत्व विभाग को खुदाई में प्राचीन मंदिर, बैल, लोहे का चुल्हा सहित कई सिक्के मिले हैं। हाल ही में पंचायतन मंदिर, शिलालेख और चांदी का एक सिक्का मिला है। पचराही में दस टीले मिले हैं। इसकी खुदाई की अनुमति के लिए प्रस्ताव दिल्ली भेजा गया है। साथ ही पचराही से लगे बकेला में जैन समाज से जुड़े अवशेष मिलने पर वहां खुदाई करने के लिए लाइसेंस मांगा है। बारिश शुरू होने से अब पुरातत्व विभाग ने गुरुवार से खुदाई बंद करा दी है।

     पुरातत्व विभाग के निदेशक एसएस यादव और उत्खनन प्रभारी श्री प्रधान ने बातचीत में बताया कि पचराही में मिला मंदिर पंचायत मंदिर है। यह मंदिर पंचरथ शैली में निर्मित है। चारों मंदिरों के बीच एक मंदिर होना इसे प्रमाणित करता है। छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों में चल रहे उत्खनन में पचराही में मिला पंचायत मंदिर अनूठा है। अभी दस टीले और है जिसकी खुदाई बारिश काल के बाद की जाएगी। उन्होंने बताया कि पचराही में अब तक कई प्राचीन सिक्के मिले हैं, पर हाल ही में मिला चांदी का सिक्का संभवत: पूरे भारत में पहला सिक्का है। इस सिक्के के एक तरफ मछली की आकृति और देव लिखा गया है।


    दूसरी तरफ पांच उभरा हुआ भाग है। पुरातत्व के विद्वानों के अनुसार पांच उभरे भाग पांच शिवमंदिरों का दर्शाता है। इसे पंचायतन मंदिर कहा जाता है। प्राचीन सिक्के को अध्ययन के लिए महाराष्टïर के नासिक भेजा गया था। यहां प्राचीन सिक्कों-मुद्राओं को पढ़ा जाता है। वहां से प्राप्त जानकारी के अनुसार चांदी का सिक्का कवर्धा के तत्कालीन फणी नागवंशी राजाओं की है। जगह-जगह खुदाई में अब तक प्राप्त सिक्कों में ये सिक्के कहीं नहीं मिले। दो साल की खुदाई में पहली बार खंडित कल्चुरी कालीन शिलालेख मिले हैं। दूसरे में कार्तिकेय कुमार का नाम उत्कृण है। एक शिलालेख पांडव वंशीय राजाओं का है। अब तक भगवान कार्तिकेय के नाम से प्राप्त शिलालेखों में से यह पहला शिलालेख है जिसमें उसका नाम उत्कृण है।

    इस संबंध में श्री प्रधान ने बताया कि त्रिपूरी से राजा पांडव वंशीय जबलपुर पहुंचे थे। उसके बाद आक्रमण कर रतनपुर के राजा जाज्जवल्पा देव (कलचूरीवंश) को हराया। युद्ध में विजयी होने की खुशी में पांडव वंशीय राजा ने कवर्धा में णीनागवंशी राजा को भेंट स्वरुप भगवान कार्तिकेय की मूर्ति दी। ज्ञात रहे कार्तिकेय को युद्ध का देवता माना जाता है। संस्कृति विभाग के नवनियुक्त आयुक्त राजीव चंद्र श्रीवास्तव के संबंध में श्री प्रधान ने कहा कि श्री श्रीवास्तव 'पचराही' को संभावनाओं का आकाश मानते हैं। पंचराही में उत्खनन कार्य के प्रति वे काफी उत्साहित है।

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