नोएडा ! ग्रेटर नोएडा के लोगों को हाई स्पीड कॉरिडोर का तोहफा मिल सकता है। एक अहम मीटिंग में ग्रेनो से डायरेक्ट दिल्ली के लिए हाई स्पीड कॉरिडोर का सुझाव आया है। यह सुझाव राय सरकार की तरफ से नियुक्त एडवाइजर एम रामचंद्रन और नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी से जुड़े अधिकारियों की बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के मुद्दे पर हुई अहम मीटिंग में आया। सीनियर अफसरों ने इस सुझाव पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत महसूस की है। क्यों है हाई स्पीड कॉरिडोर की जरूरत सेक्टर-6 स्थित अथॉरिटी के प्रशासनिक भवन में एम रामचंद्रन ने लगभग 3 घंटे से यादा डिवेलपमेंट प्लान पर चर्चा की। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सीईओ रमा रमण ने कहा कि बोडाकी में सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बनाया जा रहा है। इसके साथ ही नोएडा से ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो रेल की लाइन बनाने की तैयारी चल रही है। इसमें ग्रेटर नोएडा से नोएडा-दिल्ली के बॉर्डर तक लगभग 28 स्टेशन होंगे। अधिकारियों ने विचार किया कि मेट्रो रेल नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक ही चलेगी। नोएडा पहुंचकर जनता को दिल्ली के लिए मेट्रो रेल बदलनी होगी। मीटिंग के दौरान विचार किया गया कि अगर ग्रेटर नोएडा के लोग मेट्रो से सीधे दिल्ली जाएंगे तो उन्हें बॉर्डर तक पहुंचने में लगभग 1 घंटे का वक्त लगेगा। इसके साथ ही हाई स्पीड कॉरिडोर डिवेलप किया जाए। मीटिंग में कॉरिडोर को यमुना किनारे बनाने का सुझाव दिया गया। इस पर सीनियर अफसरों ने गंभीरता से विचार करने की सहमति जताई। सब-स्टेशनों के लिए जमीन चिह्नित कर कब्जा दिलाएं बिजली के मुद्दे पर चर्चा करते हुए एडवाइजर एम रामचंद्रन ने कहा कि अगर शहर में पहले से कॉरिडोर होता तो लाइन बिछाने में आ रही दिक्कतें न झेलनी पड़तीं। उन्होंने कहा कि जो समस्याएं नोएडा या ग्रेटर नोएडा में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर आ रही हैं वे यमुना एक्सप्रेस-वे में न आएं इस बात का सभी प्लान करने वाले अधिकारी ध्यान रखें। बिजली विभाग से अधीक्षण अभियंता एपी मिश्रा और अधिशासी अभियंता वर्मा ने भी नोएडा व ग्रेटर नोएडा से जुड़े प्रोजेक्टों का प्रस्ताव रखा। इन अधिकारियों ने कहा कि मास्टरप्लान-2021 की जरूरत के हिसाब से ग्रेटर नोएडा और हापुड़ में 765-765 केवी के 2 सब-स्टेशन बनाए जाएं। इसके अलावा नोएडा के सेक्टर-148 में 400 केवी के सब-स्टेशन बनाने के लिए जल्द ही जमीन पर कब्जा दिलाया जाए। इन पर तत्काल निर्माण कार्य शुरू करने की जरूरत है। एक 132 केवी का सब-स्टेशन सेक्टर-115 में भी बनाने की तैयारी शुरू कराई जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए 400 केवी, 220 केवी, 132 और 33 केवी के सब-स्टेशनों के लिए जगह रिजर्व रखी जाए। सैनिटेशन प्लान न होने पर चिंता जताई मीटिंग में नोएडा शहर की स्थापना के 35 बरस बीत जाने पर भी सैनिटेशन प्लान न होने पर एडवाइजर एम रामचंद्रन ने चिंता जताते हुए कहा कि इस पर जल्द ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी शहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाए जाने के लिए सिटी सैनिटेशन प्लान को अमलीजामा पहनाना जरूरी है। इसे ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे में अभी से ही लागू करना होगा।