नई दिल्ली, 16 जनवरी । अडवानी बनाम शेखावत विवाद के बाद अडवानी बनाम मोदी प्रकरण को भाजपा अपने लिए फायदेमंद मान रही है। पार्टी के चुनावी रणनीतिकारों का मानना है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ होने से अडवानी की ताकत का ही इजाफा होता है। पार्टी महासचिव अरुण जेटली के अनुसार मोदी वैसे नेताओं में जो एक चट्टान की तरह लालकृष्ण अडवानी के पीछे खडे हैं। उनके अनुसार अडवानी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वे सबसे बडे पैरोकारों में से एक हैं। हाल में गुजरात में संपन्न हुए निवेशकों के सम्मेलन में उद्योगपति अनिल अंबानी व सुनील मित्तल ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की पैरोकारी की। दोनों ने मोदी के कामकाज की तारीफ करते हुए था कि अगर मोदी का देश का नेतृत्व करेंगे तो अच्छा होगा। दरअसल दोनों उद्योगपतियों की इस बयानबाजी को अडवानी की दूरगामी रणनीति का ही एक हिस्सा माना जा रहा है। ताकि वे खुद के बाद अपनी जगह पर मोदी को अगले नेतृत्व के रूप में प्रतिस्थापित कर सकें। मोदी के नेतृत्व में हो रहे गुजरात के विकास को पार्टी आगामी चुनावों के मद्देनजर लाभप्रद मान रही है। पार्टी का दावा है कि इससे यह प्रमाणित होती है कि भाजपा ही सही जनता को सुशासन उपलब्ध करा सकती है। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ क़ी सरकारों के कामकाज को भी पार्टी इसी तरह अपने चुनावी एजेंडे में व केंद्रीय स्तर पर भी जनता के बेहतर शासन उपलब्ध कराने के दावे के रूप में भुनाएगी।