• सुमित्रानंदन पंत ने दिया था अमिताभ नाम

    नई दिल्ली ! सदी के महानायक, बॉलीवुड के शहंशाह, एंग्री यंगमैन, बिग बी जैसे नामों से प्रसिद्ध अमिताभ बच्चन की अमिट आभा के आगे सारी उपाधियां और नाम फीके पड़ जाते हैं। ...

    दीवार फिल्म ने अमिताभ को शोहरत की नई बुलंदियों पर पहुंचाया। उन्हें बॉलीवुड में एंग्री यंगमैन के नाम से पुकारा जाने लगा। नई दिल्ली !   सदी के महानायक, बॉलीवुड के शहंशाह, एंग्री यंगमैन, बिग बी जैसे नामों से प्रसिद्ध अमिताभ बच्चन की अमिट आभा के आगे सारी उपाधियां और नाम फीके पड़ जाते हैं। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में विजयादशमी के दिन जन्मे अमिताभ के पिता हरिवंश राय बच्चन हिंदी के प्रसिद्ध कवि थे। उनकी रची ‘मधुशाला’ की पक्तियां अमिताभ कई मौकों पर पूरे मनोयोग से सुनाते हैं। अमिताभ के पिता ने उनका नाम इन्कलाब रखा था, लेकिन छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत के सुझाव पर 'अमिताभ' नाम रख दिया गया, जिसका अर्थ है कभी न मिटने वाली आभा। अमिताभ ने अपनी पढ़ाई नैनीताल के प्रसिद्ध शेरवुड कॉलेज और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की। अमिताभ की मां तेजी रंगमंच से जुड़ी हुई थीं। उन्हें फिल्मों में अभिनय करने का प्रस्ताव मिला था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। तेजी अमिताभ को अभिनय की दुनिया में जाने के लिए प्रोत्साहित करती रहती थीं। अमिताभ ने कोलकाता में एक शिपिंग कंपनी में नौकरी भी की, लेकिन अभिनेता बनने के लिए वह नौकरी छोड़ मुंबई आ गए। फिल्मी दुनिया में मुकाम हासिल करने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। अमिताभ के छोटे भाई अजिताभ ने अभिनेता की कुछ तस्वीरों को ख्वाजा अहमद अब्बारस के पास भेज दिया। उन दिनों अब्बास ‘सात हिंदुस्तानी’ नाम की फिल्म बना रहे थे। उन्होंने एक मुस्लिम युवक का किरदार निभाने के लिए अमिताभ को चुन लिया। 1969 में यह फिल्म रिलीज होने पर अमिताभ अपने माता-पिता के साथ शीला सिनेमाघर में फिल्म देखने गए। यह फिल्म नहीं चली, लेकिन उस समय की मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी ने अमिताभ की प्रशंसा की थी। अमिताभ का संघर्ष जारी रहा। अब्बास साहब के कहने पर ऋषिकेश मुखर्जी उन्हें फिल्म ‘आनंद’ में काम दे दिया। इस फिल्म में उस समय के सुपर स्टार राजेश खन्ना मुख्य भूमिका में थे। फिल्म सफल रही और अमिताभ भी गंभीर भूमिका में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे। अमिताभ को अधिकांश साइड रोल ही मिल रहे थे। उन्होंने फिर महमूद की फिल्म ‘बांबे टू गोवा’ में काम किया। उनके नटखट अंदाज को दर्शकों ने खूब सराहा। ‘जंजीर’ के हिट होने से पहले अमिताभ की लगभग एक दर्जन फिल्में असफल रहीं। ‘बांबे टू गोवा’ फिल्म में काम देखकर प्रकाश मेहरा और सलीम जावेद ने अमिताभ को ‘जंजीर’ के लिए चुन लिया। इस फिल्म को देवानंद और धर्मेद्र सहित कई बड़े कलाकार ठुकरा चुके थे। फिल्म जबरदस्त हिट रही। अमिताभ ने उस समय की सफल अभिनेत्री जया भादुड़ी से कहा था कि अगर फिल्म सफल हो गई तो दोनों लंदन जाकर इसका जश्न मानाएंगे। जब पिता हरिवंश राय बच्चन को इसकी भनक लगी तो उन्होंने कहा कि दोनों शादी करके ही लंदन जा सकते हैं। 3 जून 1973 को दोनों परिणय सूत्र में बंध गए। दोनों की दो संतान- अभिषेक बच्चन और श्वेता नंदा हैं। सन् 70 और 80 के दशक में अमिताभ ने अभिमान, नमक हराम, दीवार, शहंशाह, कुली, डॉन, अग्निपथ, कभी-कभी, शोले, कुली जैसी शानदार फिल्मों में काम किया। दीवार फिल्म ने अमिताभ को शोहरत की नई बुलंदियों पर पहुंचाया।  उन्हें बॉलीवुड में एंग्री यंगमैन के नाम से पुकारा जाने लगा। लेकिन, यश चोपड़ा ने उन्हें रोमांटिक फिल्मों में काम करने का मौका दिया कभी-कभी, सिलसिला आदि फिल्मों में उन्हें रोमांटित हीरो के रूप में भी दर्शकों ने खूब पसंद किया। ‘दो अनजाने’ (1976) में पहली बार रेखा और अमिताभ ने साथ काम किया। रेखा शादीशुदा अमिताभ के अभिनय और व्यक्तिव से प्रभावित होकर उनके प्यार में पड़ गईं। अमिताभ भी रेखा की खूबसूरती के दीवाने हो गए। मगर पत्नी जया ने धैर्य का परिचय दिया और वह आखिरकार अमिताभ को वापस पाने में कामयाब रहीं। फिल्म ‘सिलसिला’ (1981) के साथ दोनों के साथ काम करने का सिलसिला भी खत्म हो गया। अमिताभ ने अपने मित्र राजीव गांधी की सलाह पर राजनीति में भी कदम रखा था। 1984 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमनंदन बहुगुणा को हरा लोकसभा चुनाव जीता था। लेकिन, राजनीति अमिताभ को रास नहीं आई और बोफोर्स तोप सौदे में अपना नाम उछलने पर उन्होंने राजनीति से सदा के लिए किनारा कर लिया। बिग बी ने 1995 में अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एबीसीएल) नाम की कंपनी शुरू की। 1996 में एबीसीएल ने बंगलुरू में विश्व सुंदरी प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसके बाद इस कंपनी को काफी नुकसान हुआ अमिताभ कर्जदार बन गए। उनकी माली हालत लडख़ड़ा गई। कई मशहूर निर्माताओं ने भी बुरे वक्त में अभिनेता से किनारा कर लिया। ऐसे में वर्ष 2000 में टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ उनके लिए बड़ा सहारा बना। शो चल निकला और अमिताभ को फिर से काम मिलने लगा। अमिताभ ने हाल के वर्षों में बागबान, ब्लैक और ‘पा’ व पीकू जैसी कई सफल फिल्मों से खूब तारीफबटोरी। अमिताभ को 1984 में पद्मश्री, 2001 में पद्मभूषण और 2015 में पद्मविभूषण सम्मान मिल चुका है।

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