• नोबेल पुरस्कार विजेताओं का आह्वान, बच्चों के अनुकूल बने दुनिया

    नई दिल्ली ! बाल तस्करी और बाल दासता जैसे मुद्दों पर विचार करते हुए दुनिया भर से आए नोबेल पुरस्कार विजेताओं और नेताओं ने शनिवार को दुनिया को बच्चों के अनुकूल बनाने की जरूरत बताई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित पहले 'लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन समिट' का उद्घाटन किया।...

    नोबेल पुरस्कार विजेताओं का आह्वान, बच्चों के अनुकूल बने दुनिया

    नई दिल्ली !   बाल तस्करी और बाल दासता जैसे मुद्दों पर विचार करते हुए दुनिया भर से आए नोबेल पुरस्कार विजेताओं और नेताओं ने शनिवार को दुनिया को बच्चों के अनुकूल बनाने की जरूरत बताई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित पहले 'लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन समिट' का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का करीब 25 नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हस्तियां सामूहिक रूप से नेतृत्व कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने बच्चों को उनका बचपन बगैर किसी व्यवधान के आनंद लेने की जिस दुनिया में इजाजत हो वैसी दुनिया बनाने के लिए तत्काल काम करने का आह्वान किया। राष्ट्रपति मुखर्जी ने इस दो दिवसीय सम्मेलन में यहां कहा कि राष्ट्रीय नीति निर्माण में बच्चों के लिए योजनाओं और काम को अहम स्थान देना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी के संकेतकों में असमानता को खत्म करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा को असमानता के खिलाफ लड़ाई का सबसे मजबूत हथियार बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल में डराने-धमकाने से लेकर, यौन उत्पीड़न, बाल विवाह और तस्करी तक की समस्याओं से कष्ट भोगना पड़ता है। उन्होंने कहा, "ये अब भी कुपोषण के शिकार हैं और रोके जा सकने वाली बीमारियों से मर रहे हैं।" राष्ट्रपति ने कहा, "हमलोगों की साझा जिम्मेदारी है कि गैर बराबरी को कम करें जो सुविधा से वंचित बच्चों को नुकसान करता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी के संकेतकों में असमानता को खत्म करना होगा।" मुखर्जी ने कहा कि जो मुद्दे इस तरह के सुविधाहीन बच्चों की प्रगति को बाधित कर रहे हैं, उन्होंने हटाना होगा। इस कार्यक्रम का आयोजन नोबेल पुरस्कार विजेता और बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने किया है। उन्होंने अपने संबोधन में बच्चों के लिए दुनिया को सामूहिक रूप से और तत्काल काम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों का शोषण करने वाली ताकतें हमसे मजबूत हैं और हमलोग पिछड़ रहे हैं। जब तक हथियारों की आग बच्चों को राख में बदल दे उससे पहले हमलोगों को उन तक पहुंचना होगा। इस अवसर पर मोरक्को की प्रिंसेज चार्लीन ने कहा कि बच्चों को उन फैसलों में भाग लेने का अधिकार है जो उन्हें प्रभावित करते हैं। इस सम्मेलन में तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, जार्डन के प्रिंस अली बिन अल हुसैन, नीदरलैंड्स की प्रिंसेज लॉरेंनटाइन सहित कई मशहूर हस्तियां शामिल हो रही हैं। इस दो दिवसीय सम्मेलन के आयोजन का मकसद बच्चों को हिंसा से रक्षा के लिए और एक ऐसी दुनिया मुहैया कराने का एक मजबूत नैतिक मंच तैयार करना है, जिसमें बच्चे मुक्त होकर सही तरह से रह सकें।


अपनी राय दें