• मिस्त्री के आरोप बेबुनियाद: टाटा

    नयी दिल्ली .मुंबई ! देश के प्रतिष्ठित एवं बड़े उद्योग घराने टाटा समूह ने अध्यक्ष पद से हटाए साइरस मिस्त्री के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए आज कहा कि इनका जवाब उचित समय आैर मंच पर दिया जाएगा। टाटा समूह ने यहां एक बयान में कहा है...

    मिस्त्री के आरोप बेबुनियाद: टाटा

    नयी दिल्ली .मुंबई !  देश के प्रतिष्ठित एवं बड़े उद्योग घराने टाटा समूह ने अध्यक्ष पद से हटाए साइरस मिस्त्री के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए आज कहा कि इनका जवाब उचित समय आैर मंच पर दिया जाएगा। टाटा समूह ने यहां एक बयान में कहा है कि श्री मिस्त्री के ई मेल लीक होना अक्षम्य अपराध है और इससे समूह की छवि को गहरा धक्का लगा है। बयान में कहा गया है कि समूह के अधिकार महज बोर्ड रूम के मूल्यों और सिद्धातों तक सीमित नहीं होकर छह लाख से अधिक कर्मचारियों तक फैले हैं। श्री मिस्त्री ने कर्मचारियों की निगाहों में समूह की छवि खराब करने की कोशिश की है। उनके आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और इस तरह के बेबुनियाद आरोपों के ऊपर सार्वजनिक बहस में उतरना टाटा समूह की गरिमा के खिलाफ है। बयान में कहा गया है, ‘हमारे पास काफी रिकॉर्ड हैं , जो श्री मिस्त्री के आरोपों को गलत साबित कर देंगे और उन्हें आवश्यकता पड़ने पर उपयुक्त मंच के सामने पेश किये जाएगें।’ टाटा संस के निदेशक मंडल में विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने लोग शामिल हैं। श्री मिस्त्री के प्रति बोर्ड में अविश्वास का माहौल था। निदेशकों ने उनके सामने कई बार शिकायतें की थीं लेकिन श्री मिस्त्री उनका समाधान नहीं कर पाये। इसके बाद समूह ने अध्यक्ष बदलने का फैसला पूरी तरह सोच-विचार कर लिया। बयान के अनुसार श्री मिस्त्री वर्ष 2006 से कंपनी के बोर्ड में थे और 28 दिसंबर 2012 को उन्हें कंपनी का अध्यक्ष बनाया गया था। इतने लंबे समय तक विभिन्न पदों पर काम करने के बाद उन्हें समूह की संस्कृति, प्रचालन, परिचालन आदि से भली-भाँति परिचित होना चाहिए था। एक कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते समूह को आगे ले जाना उनकी जिम्मेदारी बनती थी। उनके कई निर्णयों से बोर्ड में असंतोष था और इसी कारण उन्हें पद से हटाया गया। बयान में पद से हटाए जाने के बाद आरोप लगाने पर सवाल उठाए गए हैं। अध्यक्ष होने के नाते श्री मिस्त्री उस वक्त के तमाम फैसलों का हिस्सा थे लेकिन उन्होंने आपत्ति दर्ज नहीं की। इस बीच श्री मिस्त्री की बर्खास्तगी के बाद टाटा समूह नुकसान की भरपाई में जुट गया है। पांच कंपनियों की आर्थिक समीक्षा हो रही है तो वहीं दूसरी ओर समूह ने शेयरों में लगातार गिरावट के बाद निवेशकों को भरोसा जीतने के लिए विदेशी और घरेलू निवेशकों की बैठक बुलाई है। टाटा समूह की कंपनियों के शेयरों में तीसरे दिन भी जोरदार गिरावट रही। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ताज मानसिंह होटल की नीलामी के आदेश पर रोक लगाने की टाटा समूह की अपील ठुकराते हुए नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को नीलामी की इजाजत दे दी है। अब टाटा समूह को होटल का लाइसेंस बरकरार रखने के लिए नीलामी में भाग लेना पडेगा। एयरलाइंस महासंघ ने टाटा और एयर एशिया को ‘नागरिक उडड्यन अनुमति’ दिए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है। महासंघ का आरोप है कि टाटा-एयर एशिया के बीच हुए समझौते में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ था। राज्यसभा सांसद सुब्रमणियन स्वामी ने कहा है कि एयर एशिया के नियंत्रण को लेकर याचिका दायर की जाएगी। उनका ये बयान श्री मिस्त्री की ईमेल के बाद आया है। इसमें उन्होंने एयर एशिया के साथ गैरकानूनी लेनदेन की बात कही है।


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