• मेरे लिए फिल्मों से अधिक किताबें जरूरी: विशाल भारद्वाज

    मुंबई। 'मकबूल', 'ओमकारा' और 'हैदर' जैसी फिल्में बना चुके फिल्मकार विशाल भारद्वाज का कहना है कि सिनेमा में साहित्य का सार जरूरी है, इसलिए उनके लिए किताबें अधिक महत्वपूर्ण हैं। ...

    मेरे लिए फिल्मों से अधिक किताबें जरूरी: विशाल भारद्वाज

     

    मेरे लिए फिल्मों से अधिक किताबें जरूरी: विशाल भारद्वाज

    मुंबई। 'मकबूल', 'ओमकारा' और 'हैदर' जैसी फिल्में बना चुके फिल्मकार विशाल भारद्वाज का कहना है कि सिनेमा में साहित्य का सार जरूरी है, इसलिए उनके लिए किताबें अधिक महत्वपूर्ण हैं। फिल्मकार विशाल भारद्वाज ने बुधवार को 18वें जियो मामी फिल्म महोत्सव में कहा, "सिनेमा में साहित्य लाना जरूरी है।


    मेरे लिए फिल्मों की तुलना में किताबें अधिक महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अगर आपके पास अच्छी किताबें या साहित्य नहीं हैं तो हम अच्छे लेखक नहीं बन सकते। इसलिए अच्छे लेखकों के लिए हमें अच्छी किताबों को प्रोत्साहन देना पड़ेगा। जितना ज्यादा साहित्य होगा, उतनी ही अच्छी फिल्म बनेगी।"

    उन्होंने कहा, "आजकल बायोपिक और किसी के जीवन पर आधारित किताबों का चलन है। इससे पहले चेतन भगत की किताबों पर दो फिल्में बन चुकी हैं। यहां तक की शेक्सपियर के नाटकों से भी कहानियां ली गई हैं।"भारद्वाज की अगली फिल्म 'रंगून' द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी एक रोमांटिक फिल्म है। इसमें कंगना रनौत, सैफ अली खान और शाहिद कपूर जैसे सितारे प्रमुख भूमिका में हैं।फिल्म 24 फरवरी, 2017 को रिलीज होगी।

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