• राजाओं की वर्षों पुरानी बंदूकों को अब आम लोग देख सकेंगे

    जगदलपुर। छत्तीसगढ के बस्तर के राजाओं की वर्षों पुरानी बंदूकों को अब आम जनता भी देख सकेगी। ये बंदूकें पिछले 68 साल से जिला कार्यालय के मालखाने में पड़ी थीं। ...

    राजाओं की वर्षों पुरानी बंदूकों को अब आम लोग देख सकेंगे

     

    राजाओं की वर्षों पुरानी बंदूकों को अब आम लोग देख सकेंगे

    जगदलपुर। छत्तीसगढ के बस्तर के राजाओं की वर्षों पुरानी बंदूकों को अब आम जनता भी देख सकेगी। ये बंदूकें पिछले 68 साल से जिला कार्यालय के मालखाने में पड़ी थीं। बस्तर की पुराने धरोहरों को संग्रहालय में लाने हेतु जिलाधीश ने इसे संज्ञान में लेते हुए जिला संग्रहालय भिजवा दिया है। जिला कार्यालय के मालखाने में बस्तर के रियासतकाल की कई महत्वपूर्ण सामग्रियां, सोना-चांदी, पुराने सिक्के आदि वर्षों से जमा हैं।


    समय- समय पर इन धरोहरों को जिला संग्रहालय में लाने की मांग भी उठती रही है। जिला पुरातत्व संग्रहालय के प्रभारी ने भी इस संबंध में जिला कार्यालय में पत्राचार किया था। इसके चलते पिछले दिनों कलेक्टोरेट के मालखाने में रखी गई पुरानी भरमार बंदूकों को संग्रहालय को सौंप दिया गया है। संग्रहालयाध्यक्ष अमृतलाल पैकरा ने बताया कि बंदूकें संग्रहालय पहुंचाई गई हैं।

    भरमार बंदूकें बस्तर के राजाओं की हैं। ये करीब 200 साल पुरानी हैं और इनका वजन 15 से 25 किग्रा तक है।बताया गया कि वर्ष 1948 में बस्तर का भारत में विलय के बाद इन्हें अपरिहार्य कारणों से जिला मालखाने भिजवा दिया गया था।  

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