• रिश्वतखोरी मामले में येदियुरप्पा बरी

    बेंगलुरू/नई दिल्ली ! कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष बी.एस.येदियुरप्पा को रिश्वतखोरी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने के फैसले को कांग्रेस ने बुधवार को 'चौंकानेवाला' करार दिया। ...

    रिश्वतखोरी मामले में येदियुरप्पा बरी

    बेंगलुरू/नई दिल्ली !   कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष बी.एस.येदियुरप्पा को रिश्वतखोरी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने के फैसले को कांग्रेस ने बुधवार को 'चौंकानेवाला' करार दिया। लोगों से खचाखच भरे अदालत कक्ष में न्यायाधीश आर.बी.धर्मागुदेर ने 40 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में सबूतों के अभाव में येदियुरप्पा के दोनों बेटों बी.वाई.राघवेंद्र तथा बी.वाई.विजयेंद्र तथा उनके दामाद आर.एन.सोहन कुमार तथा सात अन्य लोगों को भी बरी कर दिया।

    फैसले की घोषणा के बाद येदियुरप्पा ने कहा, "न्याय हो चुका है। मैं दोषमुक्त खड़ा हूं।" फैसले पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर खुशियां मनाईं।

    येदियुरप्पा ने जोर देते हुए कहा, "मैं इस बात से खुश हूं कि बेबुनियाद व राजनीति से प्रेरित आरोपों को खारिज कर दिया गया।"

    येदियुरप्पा के साल 2008-2011 के कार्यकाल के दौरान शिमोगा में उनके परिवार द्वारा संचालित प्रेरणा शिक्षा ट्रस्ट को खनन कंपनियों द्वारा कथित तौर पर दान देने के बदले लीज की मंजूरी देने के आरोप में सीबीआई ने 15 मई, 2012 को भारतीय दंड संहिता तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया था।

    अन्य आरोपियों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्री एस.एस.कृष्णया शेट्टी, साउथ वेस्ट माइनिंग कंपनी, जिंदल स्टील वर्क्‍स (जेएसडब्ल्यू), रियल टेक्निकल सॉल्यूशंस लिमिटेड तथा इंडस्ट्रियल टेक्नो मैन पावर सप्लाई एंड सर्विसेज लिमिटेड शामिल हैं।

    सर्वोच्च न्यायालय ने जेएसडब्ल्यू तथा इसकी सहायक कंपनी साउथ वेस्ट माइनिंग लिमिटेड को माइनिंग लीज देने में रिश्वतखोरी की जांच के लिए केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की सिफारिशों पर 11 मई, 2012 को सीबीआई को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। सीईसी की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय ने की थी।

    मामला साउथ वेस्ट माइनिंग द्वारा प्रेरणा ट्रस्ट को 10 करोड़ रुपये का दान देने तथा इस कंपनी द्वारा 1.12 एकड़ जमीन खरीदने का है। इस जमीन को सरकारी नियंत्रण से तब मुक्त किया गया था, जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे।

    सीईसी ने येदियुरप्पा के बेटों पर खनन क्षेत्र के बड़े खिलाड़ी प्रवीण चंद्रा से उनके द्वारा स्थापित रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से छह करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है।

    लोकायुक्त न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एन.संतोष हेगड़े द्वारा येदियुरप्पा पर खनन घोटाले का आरोप लगाने तथा उन पर मुकदमा चलाने की सिफारिश करने के बाद मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया था।


    फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता संजय झा ने आईएएनएस से कहा, "हम इस बात से हैरान हैं कि गंभीर आरोपों के खिलाफ सीबीआई को पुख्ता सबूत मुहैया कराए गए थे, जिसकी पूरी तरह अनदेखी की गई। यह स्पष्ट तौर पर राजनीतिक प्रभाव का मामला है।"

    झा ने कहा, "मोदी सरकार के तहत सीबीआई कन्विनियंट ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन बन चुकी है, उसी तरह जैसे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) नमो इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बन गई।"

    भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "वर्तमान में, जांच करने और सबूत जुटाने वाली एजेंसियां अपने काम में बुरी तरह से नाकाम हो गई हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह सब राजनीतिक प्रभाव के तहत हो रहा है।"

    झा ने कहा कि येदियुरप्पा की असली परीक्षा जनता की अदालत में होगी।

    वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है।

    भाजपा सचिव श्रीकांत शर्मा ने आईएएनएस से कहा, "हम खुश हैं कि अदालत ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया है।"

    शर्मा ने कहा, "उन्होंने पहले ही कहा था कि उनके खिलाफ मुकदमा राजनीति से प्रेरित है।"

    अपने पिता व परिवार के खिलाफ लगे आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए येदियुरप्पा के बेटे राघवेंद्र ने कहा कि बीते पांच वर्षो के दौरान उनके परिवार ने काफी पीड़ा झेली है।

    शिमोगा जिले के शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक राघवेंद्र ने कहा, "हमें अंतत: न्याय मिला, जिससे पार्टी को मजबूत होने में मदद मिलेगी। मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि मेरे पिता के नेतृत्व में भाजपा एक बार फिर सत्ता में आएगी।"

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