• हैती में महिलाओं, बच्चों की तस्करी का खतरा बढ़ा

    बोगोटा ! संयुक्त राष्ट्र और सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि शक्तिशाली तूफान ‘मैथ्यू’ की विभीषिका झेल रहे कैरेबियाई देश हैती में महिलाओं और बच्चों का शोषण और तस्करी का खतरा बढ़ गया है। ...

    हैती में महिलाओं, बच्चों की तस्करी का खतरा बढ़ा

    बोगोटा !   संयुक्त राष्ट्र और सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि शक्तिशाली तूफान ‘मैथ्यू’ की विभीषिका झेल रहे कैरेबियाई देश हैती में महिलाओं और बच्चों का शोषण और तस्करी का खतरा बढ़ गया है। चार अक्टूबर को आए इस तूफान के बाद से हजारों महिलाओं और बच्चों को भोजन और आश्रय के लिए राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।

     तूफान के कारण करीब दस लाख 40 हजार लोगों को अपने घरों को छोडऩा पड़ा जो वर्ष 2010 के विध्वंसकारी भूकंप के बाद से अब तक का सबसे खराब मानवीय संकट है। हैती में यूएन वुमेन के प्रमुख एंथनी नोरोरानो ने कहा कि महिलाओं की मदद करना काफी महत्वूर्ण है ताकि उनका यौन उत्पीडऩ, देह व्यापार में धकेले जाने और मानव तस्करी होने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि पहले आई आपदाओं के अनुभव से इस संबंध में चिंता करने की वजह मिल गई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों की तस्करी और यौन शोषण बहुत ज्यादा होता है। इस तरह के संकटों से इनका खतरा और बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि खास तौर पर गरीब परिवारों के बच्चों के बाल मजदूर और घरेलू नौकर बनने का खतरा ज्यादा रहता है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसान कैरेबियाई देश में इस तूफान में कई शहर बह गए और करीब आठ लाख लोगों को तुरंत भोजन पहुंचाने की जरुरत है। संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनीसेफ का अनुमान है कि हैती में तूफान के मद्देनजर एक लाख 25 हजार बच्चों को हिंसा और शोषण से बचाने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) फिलिपो ग्रैंडी ने कहा कि जॉर्डन में शरण लिए हुए कुल 50,000 सीरियाई शरणार्थी इस देश को छोडक़र किसी अन्य देश में चले जाएंगे। अम्मान में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जॉर्डन के 24,000 से ज्यादा सीरियाई शरणार्थी पहले ही अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों में जाकर बस चुके हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जॉर्डन दुनिया के सबसे बड़े उन छह देशों में शामिल है, जिसने दूसरे देशों के लोगों को अपने यहां शरण दी।  सरकारी आकड़ों के अनुसार, जॉर्डन में कुल 14 लाख सीरियाई शरणार्थी हैं।


     

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