• जनजातियों की जमीन छीनने का अधिकार किसी को नहीं : प्रधानमंत्री

    नई दिल्ली ! देश के जंगलों के संरक्षण में जनजाति समुदाय की भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 'जनजातियों की जमीन छीनने का अधिकार किसी को नहीं है।'...

    जनजातियों की जमीन छीनने का अधिकार किसी को नहीं : प्रधानमंत्री

    नई दिल्ली !   देश के जंगलों के संरक्षण में जनजाति समुदाय की भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 'जनजातियों की जमीन छीनने का अधिकार किसी को नहीं है।' प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय राजधानी में पहले नेशनल ट्राइबल कार्निवल के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। यह कार्निवल प्रगति मैदान में 26-28 अक्टूबर तक चलेगा।

    मोदी ने कहा, "जनजाति समुदाय के लोगों को उनका अधिकार दिलाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उनकी जमीनें छीनने का अधिकार किसी को नहीं है।"

    भारत में लगभग 300 मुख्य जनजाति समूह हैं, जिनकी वेशभूषा, रीति-रिवाज, परंपरा, आस्था व भाषा एक दूसरे से अलग है।

    साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में जनजाति समुदाय के लोगों की संख्या 10.43 करोड़ है, जो कुल आबादी का 8.6 फीसदी है।

    खबरें आई हैं कि जनजाति समुदाय के लोगों को जंगली इलाकों से बफर जोन में जाने पर मजबूर किया जा रहा है। यह अधिकांशत: मध्य प्रदेश में हो रहा है, जहां जनजाति समुदाय की आबादी सर्वाधिक है।

    मोदी ने 1,600 जनजाति कलाकारों तथा देश भर के लगभग 800 जनजाति प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि वह खुद जनजाति बहुल इलाके में काम कर चुके हैं।


    प्रधानमंत्री ने कहा, "देश भर के जनजाति समुदाय के लोगों का स्वागत कर राजधानी बेहद आनंदित है, वह भी त्योहारी मौसम के दौरान।"

    उन्होंने कहा कि वंनबंधु कल्याण योजना के माध्यम से उनकी सरकार जनजाति समुदाय के लोगों तक पहुंच बना रही है, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

    उन्होंने कहा, "हमारे जनजाति समुदायों ने बेहद कठिनाइयां झेली हैं, लेकिन उन्हें इन कठिनाइयों से उबरने की क्षमता का आशीर्वाद मिला हुआ है।"

    देश को जनजाति समुदाय द्वारा दिए गए समृद्ध योगदान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "यदि कोई है, जिसने जंगलों को बचाया है, तो वे हमारे जनजाति समुदाय हैं। जंगलों को बचाना जनजाति संस्कृति का हिस्सा है।"

    इस कार्निवाल में हिस्सा लेने के लिए जनजाति समुदाय के लोगों को लाने के लिए विशेष रेलगाड़ियां बुक की गई थीं।

    कार्निवल के दौरान संगीत, नृत्य, प्रदर्शनी, कला का प्रदर्शन, फैशन शो, पैनल चर्चा तथा पुस्तक मेला जैसे कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

अपनी राय दें