• फर्जी मुठभेड़ों के आरोपों के बाद जवानों ने आप नेताओं और पत्रकारों के पुतले फूंके

    जगदलपुर। छत्तीसगढ के बस्तर में नक्सलियों से लोहा लेने वाले डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप (डीआरजी) के जवानों ने स्वयं पर फर्जी मुठभेडों के आरोप लगाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं और कुछ पत्रकारों के पुतले फूंके।...

    फर्जी मुठभेड़ों के आरोपों के बाद जवानों ने आप नेताओं और पत्रकारों के पुतले फूंके

     

    फर्जी मुठभेड़ों के आरोपों के बाद जवानों ने आप नेताओं और पत्रकारों के पुतले फूंके

    जगदलपुर। छत्तीसगढ के बस्तर में नक्सलियों से लोहा लेने वाले डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप (डीआरजी) के जवानों ने स्वयं पर फर्जी मुठभेडों के आरोप लगाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं और कुछ पत्रकारों के पुतले फूंके। जवानों का आरोप था कि वे नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन कई नेता इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं और कुछ पत्रकार बेवजह इस राजनीति को तूल दे रहे हैं।

    जवानों ने यह भी आरोप लगाया कि नक्सलियों से संघर्ष में उनकी जानें जा रहीं हैं और उन्हीं पर फर्जी मुठभेड़, फर्जी आत्मसमर्पण और आदिवासियों के घर जलाने का आरोप लग रहा है। संभाग मुख्यालय जगदलपुर में कल पुलिस जवानों ने एक साथ आठ पुतले फूंके। इनमें सीपीआई नेता मनीष कुंजाम, आम आदमी पार्टी की सोनी सोरी, पत्रकार मालिनी सुब्रह्मण्यम, समाजसेवी हिमांशु कुमार, नंदिनी सुंदरम, बेला भाटिया समेत अन्य लोगों के पुतले थे।

    पुलिस जवानों ने आरोप लगाया कि जिन लोगों के पुतले जलाए गए, उनकी नक्सलियों से मिलीभगत है। नक्सलियों द्वारा जो लेवी वसूली होती है, उसमें से इन्हें भी हिस्सा दिया जाता है और इसके बाद ये सुरक्षा बलों को बदनाम करते हैं। जवानों ने आरोप लगाया कि इसके लिए ये लोग सुप्रीम कोर्ट में भी झूठी जानकारी उपलब्ध करवाते हैं।


    पुतला जला रहे सहायक आरक्षक नरेश कुमार नाग ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि वह आदिवासी है। सात साल से नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन मनीष कुंजाम, बेला भाटिया, सोनी सोरी गांव-गांव में पुलिस के खिलाफ माहौल बना रहे हैं। आरक्षक से जब यह पूछा गया कि क्या इस तरह से पुतला जलाना पुलिस नियमावली के खिलाफ नहीं है, तो उसने कहा कि नक्सलियों का हर तरह से विरोध जरूरी है।

    जगदलपुर के अलावा कोंडागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा सहित अन्य जिला मुख्यालयों में भी जवानों द्वारा पुतले फूंके जाने की खबरें हैं। सुकमा में जवानों ने रैली भी निकाली। पुलिस के राजनीतिक दलों की तर्ज पर पुतले फूंकने के घटना के कई मायने निकाले जा रहे हैं। पुतला फूंकने के दौरान सभी स्थानों पर बड़ी संख्या में डीआरजी के जवान मौजूद थे।

    इस संबंध में पूछे जाने पर बस्तर पुलिस अधीक्षक अारएन दाश ने सिर्फ इतना कहा कि हां, जवानों ने पुतला दहन किया है। वहीं हिमांशु कुमार ने अपनी फेसबुक वाॅल पर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट में अपनी पोल खुलने के बाद घबराहट में बस्तर में पुलिस उनका, नंदिनी सुंदरम और पत्रकार मालिनी सुब्रह्मण्यम और सोनी सोरी का पुतला जला रही है।वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव नागेश बंछोर ने एक बयान में कहा कि सरकारी सुरक्षा एजेंसी की ओर से पुतला दहन का कार्यक्रम राजनीतिक लाभ के लिए प्रदेश सरकार के इशारे पर किया गया है।  

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