• जवान की हृदयघात से मौत, 4 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि

    मुलताई ! पंजाब के भटिंडा में 15 गार्ड बटालियन में लांस नायक मुलताई ब्लाक के ग्राम बरई निवासी रूपेश खवसे की राजस्थान के गंगानगर में विशेष ड्यूटी से लौटने के दौरान अचानक रास्ते में हार्ट अटैक से 19 अक्टूबर को मौत हो गई थी। उनका अंतिम संस्कार मुलताई के मोक्षधाम में सैनिक सम्मान के साथ किया गया।...

    जवान की हृदयघात से मौत, 4 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि

      रिजर्वेशन घर आने का था, उसी दिन आया शव  मुलताई !  पंजाब के भटिंडा में 15 गार्ड बटालियन में लांस नायक मुलताई ब्लाक के ग्राम बरई निवासी रूपेश खवसे की राजस्थान के गंगानगर में विशेष ड्यूटी से लौटने के दौरान अचानक रास्ते में हार्ट अटैक से 19 अक्टूबर को मौत हो गई थी। उनका अंतिम संस्कार मुलताई के मोक्षधाम में सैनिक सम्मान के साथ किया गया। बताया जा रहा है कि रूपेश का मुलताई आने के लिए रविवार का ही रिजर्वेशन था, लेकिन उनका शव रविवार को मुलताई पहुंचा, जहां उनकी चार वर्षीय बालिका लिशा ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।  पिछले 15 सालों से आर्मी में रहकर देश की सेवा कर रहे बरई ग्राम निवासी रूपेश खवसे की असामयिक मौत पर नगरवासियों की आंखे नम थी। उनकी अंतिम या$त्रा में नगरवासियों ने पुष्पवर्षा कर उन्हें अंतिम विदाई दी। 19 अक्टूबर को गंगानगर में स्पेशल ड्यूटी से लौटने के दौरान अचानक ही रूपेश का स्वास्थ्य खराब हो गया था। जिन्हें रास्ते में एक अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद आराम मिलने पर भटिंडा पहुचने पर पुन: दर्द होने की स्थिति में आर्मी अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। रूपेश पंजाब के भटिंडा आर्मी की 15वीं युनिट में पदस्थ था और पिछले 15 सालों से आर्मी में तैनात है और देश की रक्षा कर रहे थे। रूपेश की शादी लगभग 6 साल पूर्व ग्राम भडूस में हुई थी। उनकी दो बेटिया हैं, बड़ी बेटी लिशा 5 साल, छोटी बेटी डाली डेढ़ साल की है वहीं उनके बड़े भाई भी आर्मी में है। 19 अक्टूबर को मौत होने के बाद उनके शव को रविवार सुबह मुलताई लाया गया। नगर के मोक्षधाम में सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी बड़ी बेटी लिशा ने उन्हें मुखाग्नि दी। दिवाली के लिए ली थी छुट्टी    रूपेश के परिजनों ने बताया कि रूपेश दिवाली की छुट्टी में मुलताई आने वाले थे। उनका रिजर्वेशन भी हो चुका था और रविवार का ही रिर्जेवेशन था, लेकिन जैसे ही उनके देहांत की सूचना मिली, पूरा परिवार शोक में डूब गया। बच्चों को पापा के आने का इंतजार था, लेकिन जब रविवार को उनका शव मुलताई पहुंचा तो छोटे-छोटे बच्चे यह नहीं समझ पाए कि पापा को आखिरी बार देख रहे है। नगरवासियों ने नम आंखों से उन्हें बिदाई दी और उनकी देशसेवा और देशभक्ति को प्रणाम किया।


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