• 25 अक्टूबर को केब की बैठक में होगा नो डिटेंशन पॉलिसी पर फैसला

    नयी दिल्ली। देश में शिक्षा के मामले में अंतिम निर्णय लेने के लिए बने केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की महत्वपूर्ण बैठक अगले सप्ताह मंगलवार को हो रही है जिसमें दसवीं के बोर्ड को फिर से अनिवार्य करने एवं आठवीं कक्षा तक किसी छात्र को फेल नहीं करने की नीति को समाप्त करने के बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा। ...

     25 अक्टूबर को केब की बैठक में होगा नो डिटेंशन पॉलिसी पर फैसला

     

     25 अक्टूबर को केब की बैठक में होगा नो डिटेंशन पॉलिसी पर फैसला 

    नयी दिल्ली। देश में शिक्षा के मामले में अंतिम निर्णय लेने के लिए बने केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की महत्वपूर्ण बैठक अगले सप्ताह मंगलवार को हो रही है जिसमें दसवीं के बोर्ड को फिर से अनिवार्य करने एवं आठवीं कक्षा तक किसी छात्र को फेल नहीं करने की नीति को समाप्त करने के बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा। 

    मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर केब की 64वीं बैठक का उद्घाटन करेंगे जिसमें राज्यों के शिक्षा मंत्री के अलावा प्रमुख शिक्षाविद और अधिकारी भाग लेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार नो डिटेंशन पालिसी को समाप्त करने के सम्बन्ध में विचार करने के लिए गठित उप समिति ने अपने रिपोर्ट सरकार को परसों सौंपी है जिस पर अंतिम फैसला कैबे की बैठक में लिया जायेगा। 


    गौरतलब है कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून में आठवीं क्लास तक किसी छात्र को फेल न करने का प्रावधान था जिसके कारण पढ़ाई का स्तर गिरने की खबरे मीडिया में आ रही थी । प्रथम नामक एनजीओ ने अपनी कई रिपोर्टों में बताया था कि पांचवी कक्षा के छात्र पहली, दूसरी कक्षा की किताबें पढ़ नहीं पाते और गणित के सवाल हल नहीं कर पाते। 

    सूत्रों का कहना है कि सरकार पांचवीं और आठवीं कक्षा में परीक्षा को अनिवार्य बनाये जाने के पक्ष में है लेकिन हर कक्षा में लर्निंग आउट कम यानी पढ़ाई से सीखने के न्यूनतम स्तर को निर्धारित करना चाहती है, इसके लिए शिक्षा के अधिकार क़ानून में एक नियम भी बनाया जा रहा है। नो डिटेंशन पालिसी को ख़त्म करने के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षक कनून में संशोधन करना होगा और इसके लिए संसद में संशोधित विधेयक लाना होगा ,यानि अगले शैक्षणिक वर्ष से ही यह लागू हो पायेगा। 

     जावड़ेकर राज्यों को हर तरह का विकल्प भी देना चाहते हैं और उनकी राय के आधार पर ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा दसवीं के बोर्ड को फिर से अनिवार्य बनाये जाने के बारे में राज्यों की राय को भी महत्व दिया जायेगा, और उन्हें विकल्प भी दिया जायेगा।  कैब की बैठक में नयी शिक्षा नीति के बारे में भी विचार विमर्श होगा और उसे अंतिम रूप देने की कोशिश की जायेगी। केब शिक्षा के क्षेत्र में निर्णय लेने की शीर्ष संस्था है इस नाते नयी शिक्षा नीति के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए उसकी मुहर जरूरी है। जावडेकर के मानव संसाधन विकास मंत्री बनने के बाद कैब की यह पहली बैठक है। 

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