• राधामोहन सिंह ने पूर्ववर्ती केंद्र सरकार पर साधा निशाना

    मुरैना। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने पूर्ववर्ती केंद्र सरकार पर अप्रत्यक्ष तौर पर हमला बोलते हुए कहा है कि गेंहू और जौ की फसल का अंतर नहीं जानने वालों के हाथों में लंबे समय तक सरकार रहने के कारण देश में खेती के हालात में सुधार नहीं हुआ। ...

     राधामोहन सिंह ने पूर्ववर्ती केंद्र सरकार पर साधा निशाना

     

     राधामोहन सिंह ने पूर्ववर्ती केंद्र सरकार पर साधा निशाना 

    मुरैना।  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने पूर्ववर्ती केंद्र सरकार पर अप्रत्यक्ष तौर पर हमला बोलते हुए कहा है कि गेंहू और जौ की फसल का अंतर नहीं जानने वालों के हाथों में लंबे समय तक सरकार रहने के कारण देश में खेती के हालात में सुधार नहीं हुआ।  सिंह कल मध्यप्रदेश के मुरैना में आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र में समन्वित मधुमक्खी विकास केंद्र के शिलान्यास समारोह को संबाेधित कर रहे थे।

    इस दौरान उन्होंने कहा कि जो लोग गेंहू और जौ की फसल में अंतर नहीं जानते थे, उनके हाथों में एक लंबे समय तक सरकार रही, इसलिये देश की खेती में सुधार नहीं हुआ। वे लोग अपने घरों को तो बनाते रहे, लेकिन कृषि तकनीक पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अब नरेंद्र मोदी सरकार किसानों को फोकस करके काम कर रही है और सरकार का प्रयास है कि 2022 तक किसान अपने खेतों में दोगुनी फसल ले।


    उन्होंने कहा कि आज मध्यप्रदेश के गेंहू को पंजाब खाता है, पंजाब में गेंहू की फसल की हालत इसलिये बिगड़ी क्योंकि वहाँ के किसानों ने अँधाधुंध रासायनिक उर्वरक उपयोग किया। अब इसे देखते हुये पूरे देश में प्रयोगशालाएं बनाई जा रही हैं, जिससे मिट्टी का परीक्षण हो सके और सही मात्रा में उर्वरक उपयोग हो, ताकि उत्पादन क्षमता बनी रहे।

    उन्होंने किसानों को जैविक उर्वरक का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने की सलाह भी दी। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री सिंह ने कहा कि चंबल के बीहड़ों को समतल करने के लिये 11 हजार करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है, साथ ही जिले की सिंचाई प्रबंधन योजना के लिये भी 22 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है।

    मधुमक्खी विकास केंद्र के बारे में उन्होंने बताया कि इस तरह का केंद्र प्रदेश में एक ही जगह बनाना था, इसके लिये मुरैना क्षेत्र को अनुकूल माना गया। इसमें किसानों को शहद की मार्केटिंग और मधुमक्खियों को बीमारी से बचाने आदि के उपाय के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा।  

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