नई दिल्ली ! पूरे विश्व में भारत स्किल्ड वर्कफोर्स की देशों की सूची में सबसे नीचे आता है, जबकि दक्षिण कोरिया में 96 प्रतिशत पॉपुलेशन को स्किल्ड मेनपॉवर का नाम दिया जाता है और भारत में मुश्किल से केवल 3 प्रतिशत लोगों को ही स्किल्ड कहा जाता है। अपेरल मेड-अप व होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउसिंल के चेयरमैन डॉ ए. शक्तिवेल ने गुरुवार को यह बातें कही। उन्होंने कहा, "रिकॉग्नाइजेंशन ऑफ प्रायर लर्निग (आरपीएल) की अहमियत पर जोर देने की जरूरत है। दूसरे देश जैसे चीन, सिंगापुर, कोरिया, यूरोपियन देश 'स्किल्ड वर्कफोर्स' की गिनती में भारत की तुलना में कई गुणा आगे हैं। यह अनुमान लगाना गलत होगा कि भारत में स्किल्ड मैनपॉवर मौजूद ही नहीं है। असल में देश में एक बड़ी आबादी स्किल्ड है, लेकिन एसेस और सर्टिफाई नहीं की गई है। इस प्रकार हमारे देश में स्किल्ड मैनपॉवर केवल 3 प्रतिशत ही है।"
उन्होंने बताया कि भारत में स्किलिंग इकोसिस्टम आधिकारिक स्तर पर अब तक काफी कमजोर था। इसे दूर करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 2022 तक विभिन्न सेक्टरों में 40 करोड़ मौजूदा वर्कर्स का एसेसमेंट करके उन्हें भारत सरकार का सर्टिफिकेट प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसे नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (एनएसडीसी) के बैनर तले मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलेंपमेट एंड एन्टरप्रीन्योरशीप द्वारा लागू किया जा रहा है।