• सर्जिकल ऑपरेशन के बाद सैनिकों की छुट्टियां रद्द, हजारों फौजियों का सीमाओं की ओर कूच

    श्रीनगर ! पाक कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना केे स्पेशल फोर्स के कमांडो द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्रसइक के बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध की आशंका बढ़ गई है। भारतीय सैनिकोंं की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। छुट्टी पर गए सैंकड़ों सैनिकों को ड्यूटी पर वापस लौटने की इतला दे दी गई है। इस बीच देश के अन्य क्षेत्रों से यहां आने वाले हजारों जवान सीमाओं की ओर कूच कर गए हैं।...

       सुरेश डुग्गर श्रीनगर !   पाक कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना केे स्पेशल फोर्स के कमांडो द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्रसइक के बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध की आशंका बढ़ गई है। भारतीय सैनिकोंं की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। छुट्टी पर गए सैंकड़ों  सैनिकों को ड्यूटी पर वापस लौटने की इतला दे दी गई है। इस बीच देश के अन्य क्षेत्रों से यहां आने वाले हजारों जवान सीमाओं की ओर कूच कर गए हैं।

    उड़ी में हुए हमले के उपरांत सीमाओं पर जो तनाव बना हुआ है उससे युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। तनावपूर्ण परिस्थितियों को आज उस समय और मजबूती मिली जब सेना की उत्तरी कमान की कमान के तहत सेना के जवानों ने पहली बार एलओसी को पार कर उस पार आतंकियों के लांचिंग पैडों पर हमला बोला तो युद्ध की आशंका के चलते उसने उन सैंकड़ों जवानों की छुट्टियों को रद्द कर दिया जो अपने घरों में गए हुए हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार, छुट्टी पर गए हुए सभी जवानों को तत्काल ड्यूटी पर लौटने के आदेश जारी किए गए हैं। उनके अनुसार, इस संबंध में छुट्टी पर जाने वाले सैंकड़ों जवानों को तार तथा अन्य संचार साधनों से सूचित किया गया है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि छुट्टी पर गए हुए जवानों को जितनी जल्दी हो सके अपनी ड्यूटी 'वायन करने के लिए कहा गया है तथा उन्हें यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी अपनी तैनाती के स्थान पर लौटने के लिए उन सुविधाओं का तत्काल इस्तेमाल करें जिनकी व्यवस्था स्थानीय यूनिटों तथा रा'य सरकारों को करने के लिए कहा गया है। इन व्यवस्थाओं में फौजियों के लिए विशेष रेलगाडिय़ां चलाने के निर्देश दिए गए हैं। रक्षा सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि विशेष रेलगाडिय़ों को इस कार्य में लगाया जा रहा है ताकि छुट्टी पर जाने वाले फौजी तथा अन्य फौजियों को ढोया जा सके। मिलने वाली खबरों में कहा गया है कि आज दिन हजारों फौजी जम्मू बेस कैम्प में पहुंचे हैं जिन्हें बाद में सीमा क्षेत्रों की ओर रवाना कर दिया गया। सुरक्षााधिकारियों ने माना है कि हजारों की संख्या में सैनिकों ने सीमा क्षेत्रों की ओर कूच किया है। वे बताते हैं ंकि पाकिस्तान द्वारा सीमा पर बनाए गए हालात को देखते हुए भारतीय फौजियों की तैनाती करना आवश्यक हो गया था। उनके अनुसार, पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है अत: आपात परिस्थितियों के मद्देनजर सैनिकों तथा सैनिक साजो सामान की तैनाती आवश्यक है। रक्षा सूत्रों ने हालांकि सीमा क्षेत्रों की ओर रवाना होने वाले सैनिकों की ताजा संख्या बताने से इंकार करते हुए इस बात की अवश्य पुष्टि की है कि रवाना होने वालों की संख्या हजारों में है। इनमें वे भी सैनिक शामिल हैं जो आज सुबह ही देश के विभिन्न स्थानों से जम्मू में पहुंचे थे। रक्षा सूत्रों के अनुसार, असल में सेना को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह करगिल युद्ध की स्थिति न आने दे जब कश्मीर घाटी में तैनात सैनिकों को आतंकवाद विरोधी अभियानों से हटा कर सीमा पर तैनात कर देना पड़ा था। और बाद में देश के विभिन्न भागों से सैनिक करगिल की ओर रवाना हुए थे। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के विरूद्ध की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान द्वारा जवाबी कार्रवाई के रूप में किए जाने वाले संभावित हमले से निपटने की खातिर की जाने वाली तैयारियों के मद्देनजर ही अन्य स्थानों से सैनिकों को जम्मू कश्मीर की सीमा पर तैनात किया जा रहा है तथा आतंकवाद विरोधी अभियानों में तैनात जवानों को इसलिए नहीं हटाया जा रहा है क्योंकि सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के विरूद्ध कार्रवाई की स्थिति में पाकिस्तान के इशारों पर आतंकवादी भीतरघात की कार्रवाईयां करेंगें। जबकि जम्मू कश्मीर की सीमाओं पर इसलिए हजारों सैनिकों तथा सैनिक साजो सामान को तैनात किया जा रहा है क्योंकि सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध होने की स्थिति में पाकिस्तान का लक्ष्य जम्मू कश्मीर को हथियाना होगा। ऐसी कोशिशें वह पहले भी तीन युद्धों के दौरान कर चुका है।


    उड़ी में हुए हमले के उपरांत सीमाओं पर जो तनाव बना हुआ है उससे युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। तनावपूर्ण परिस्थितियों को आज उस समय और मजबूती मिली जब सेना की उत्तरी कमान की कमान के तहत सेना के जवानों ने पहली बार एलओसी को पार कर उस पार आतंकियों के लांचिंग पैडों पर हमला बोला तो युद्ध की आशंका के चलते उसने उन सैंकड़ों जवानों की छुट्टियों को रद्द कर दिया जो अपने घरों में गए हुए हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार, छुट्टी पर गए हुए सभी जवानों को तत्काल ड्यूटी पर लौटने के आदेश जारी किए गए हैं। उनके अनुसार, इस संबंध में छुट्टी पर जाने वाले सैंकड़ों जवानों को तार तथा अन्य संचार साधनों से सूचित किया गया है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि छुट्टी पर गए हुए जवानों को जितनी जल्दी हो सके अपनी ड्यूटी 'वायन करने के लिए कहा गया है तथा उन्हें यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी अपनी तैनाती के स्थान पर लौटने के लिए उन सुविधाओं का तत्काल इस्तेमाल करें जिनकी व्यवस्था स्थानीय यूनिटों तथा रा'य सरकारों को करने के लिए कहा गया है। इन व्यवस्थाओं में फौजियों के लिए विशेष रेलगाडिय़ां चलाने के निर्देश दिए गए हैं। रक्षा सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि विशेष रेलगाडिय़ों को इस कार्य में लगाया जा रहा है ताकि छुट्टी पर जाने वाले फौजी तथा अन्य फौजियों को ढोया जा सके। मिलने वाली खबरों में कहा गया है कि आज दिन हजारों फौजी जम्मू बेस कैम्प में पहुंचे हैं जिन्हें बाद में सीमा क्षेत्रों की ओर रवाना कर दिया गया। सुरक्षााधिकारियों ने माना है कि हजारों की संख्या में सैनिकों ने सीमा क्षेत्रों की ओर कूच किया है। वे बताते हैं ंकि पाकिस्तान द्वारा सीमा पर बनाए गए हालात को देखते हुए भारतीय फौजियों की तैनाती करना आवश्यक हो गया था। उनके अनुसार, पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है अत: आपात परिस्थितियों के मद्देनजर सैनिकों तथा सैनिक साजो सामान की तैनाती आवश्यक है। रक्षा सूत्रों ने हालांकि सीमा क्षेत्रों की ओर रवाना होने वाले सैनिकों की ताजा संख्या बताने से इंकार करते हुए इस बात की अवश्य पुष्टि की है कि रवाना होने वालों की संख्या हजारों में है। इनमें वे भी सैनिक शामिल हैं जो आज सुबह ही देश के विभिन्न स्थानों से जम्मू में पहुंचे थे। रक्षा सूत्रों के अनुसार, असल में सेना को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह करगिल युद्ध की स्थिति न आने दे जब कश्मीर घाटी में तैनात सैनिकों को आतंकवाद विरोधी अभियानों से  हटा कर सीमा पर तैनात कर देना पड़ा था। और बाद में देश के विभिन्न भागों से सैनिक करगिल की ओर रवाना हुए थे। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के विरूद्ध की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान द्वारा जवाबी कार्रवाई के रूप में किए जाने वाले संभावित हमले से निपटने की खातिर की जाने वाली तैयारियों के मद्देनजर ही अन्य स्थानों से सैनिकों को जम्मू कश्मीर की सीमा पर तैनात किया जा रहा है तथा आतंकवाद विरोधी अभियानों में तैनात जवानों को इसलिए नहीं हटाया जा रहा है क्योंकि सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के विरूद्ध कार्रवाई की स्थिति में पाकिस्तान के इशारों पर आतंकवादी भीतरघात की कार्रवाईयां करेंगें। जबकि जम्मू कश्मीर की सीमाओं पर इसलिए हजारों सैनिकों तथा सैनिक साजो सामान को तैनात किया जा रहा है क्योंकि सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध होने की स्थिति में पाकिस्तान का लक्ष्य जम्मू कश्मीर को हथियाना होगा। ऐसी कोशिशें वह पहले भी तीन युद्धों के दौरान कर चुका है।

     

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