कावेरी विवाद: कर्नाटक ने तमिलनाडु को पानी देने से मना किया
बेंगलुरु। कर्नाटक ने कावेरी विवाद पर अपना रूख कड़ा करते हुए केन्द्र सरकार द्वारा कल बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक का नतीजा आने तक तमिलनाडु को पानी देने से आज मना कर दिया। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने तीन घंटे तक चली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने पानी छोड़ने के खिलाफ सर्वसम्मति से लाए गए विधानसभा के प्रस्ताव का पालन करने का निर्णय लिया है। इससे पहले सुबह सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई थी।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने ताजा आदेश में कर्नाटक को 30 सितंबर तक तीन दिन तक प्रतिदिन तमिलनाडु को कावेरी नदी का 6000 क्यूसेक पानी देने के लिए कहा है जिसके खिलाफ राज्य में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सिद्दारमैया ने कहा कि सरकार राज्य की गंभीर स्थिति बताने के बाद ही अगला कदम उठाएगी।
कावेरी बेसिन के चार जलाशयों में केवल पीने के पानी की जरुरत के मुताबिक ही जल है और वह पड़ोसी राज्य को कृषि के लिए पानी की आपूर्ति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, “कर्नाटक के जलाशयों में पानी की स्थिति खराब है। वहां केवल पेयजल उद्देश्यों के लिए ही पानी है। हम उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ जाने के परिणाम जानते हैं लेकिन हम जानते हैं कि संकट की स्थिति में पानी नहीं छोड़ने के राज्य विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव का भी पालन करना है।
हम केन्द्र सरकार के साथ-साथ तमिलनाडु को भी जमीनी हकीकत से रूबरू कराएंगे। इसके बाद हम आगे का कदम उठायेंगे। ” दूसरी ओर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) ने आज अपने रूख को दोहराते हुए कहा कि वे कावेरी नदी से तमिलनाडु के लिए पानी छोड़े जाने के खिलाफ हैं।