• बॉन्ड बाजार प्राथमिकता, देश संरक्षणवाद से पीड़ित : जेटली

    मुंबई | सरकार की प्राथमिकता भारतीय बॉन्ड बाजार को मजबूत बनाने की है। खासतौर से वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए इसे बढ़ावा दिया जाएगा। ...

    मुंबई | सरकार की प्राथमिकता भारतीय बॉन्ड बाजार को मजबूत बनाने की है। खासतौर से वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए इसे बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को यहां यह बात कही। जेटली ने उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) समूह के बांड बाजार को विकसित करने के मुद्दे पर एक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "विकसित अर्थव्यवस्थाओं में संरक्षणवाद की वृद्धि की नकारात्मक संकेतों के बीच हमें बॉन्ड बाजार की चुनौतियों से निपटना है।" जून में ब्रिटेन द्वारा यूरोपीय संघ (ब्रेक्सिट) छोड़ने की तरफ इशारा करते हुए जेटली ने कहा, "इसके अलावा, आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और सीरिया) के द्वारा बनाई गई राजनीतिक चुनौतियों के आर्थिक प्रभाव से निपटने की भी चुनौती सामने है।" जेटली ने कहा कि अन्य क्षेत्रों में मंदी के प्रभाव से बैंकों के संसाधन घट रहे हैं, इसलिए सरकार ने "कॉरपोरेट बॉन्ड पर खान पैनल द्वारा की गई लगभग सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।" कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार पर एच. आर. खान समिति ने पिछले महीने प्रस्ताव दिया था कि बैंकों को जमानत के रूप में कॉरपोरेट बॉन्ड को गिरवी रखकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से ओवरनाइट रेपो विंडो द्वारा धन उधार लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। वर्तमान में, बैंक केवल सरकारी बॉन्ड को ही गिरवी रखकर रिजर्व बैंक से उधार ले सकते हैं। जबकि उन्हें कॉरपोरेट बॉन्ड गिरवी रखकर उधार लेने की सुविधा मुहैया कराने से उधारदाताओं द्वारा ऋण की अधिक खरीद को प्रोत्साहन मिलेगा।


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