• 'तरजीही दर्जा छीनने से पाकिस्तान पर नहीं पड़ेगा फर्क'

    नई दिल्ली ! भारत, पाकिस्तान को दिए गए 'सबसे तरजीही राष्ट्र' (एमएफएन) के दर्जे की समीक्षा करने जा रहा है। ...

    नई दिल्ली !   भारत, पाकिस्तान को दिए गए 'सबसे तरजीही राष्ट्र' (एमएफएन) के दर्जे की समीक्षा करने जा रहा है। लेकिन, कॉरपोरेट जगत का कहना है कि इससे पाकिस्तान को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार 'बेहद कम' है। एसोसिएटेड चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने यहां एक बयान जारी कर कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच काफी कम व्यापार होता है जो भारत के कुल वैश्विक व्यापार का महज आधा फीसदी है। इसमें आयात और निर्यात दोनों शामिल है।" आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2015-16 में भारत का कुल व्यापार 643 अरब डॉलर रहा, जिसमें पाकिस्तान के साथ कुल 2.67 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। एसोचैम का महासचिव डी. एस. रावत ने बयान में कहा, "कुल मिलाकर पाकिस्तान के साथ हमारा व्यापार कुल वैश्विक व्यापार का महज 0.41 फीसदी है। इसलिए तरजीही दर्जे के होने या ना होने से द्विपक्षीय व्यापार पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। जब भारत ने यह दर्जा दिया था तो पाकिस्तान ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। यहां तक कि उसने भारत को तरजीही दर्जा नहीं दिया।" पिछले साल भारत से पाकिस्तान को कुल 2.17 अरब डॉलर का निर्यात किया गया, जोकि भारत के कुल निर्यात का 0.83 फीसदी है। वहीं, पाकिस्तान से कुल 49.7 करोड़ डॉलर का आयात किया गया, जो कुल आयात का महज 0.13 फीसदी है। भारत से पाकिस्तान को मुख्यत: ऑर्गेनिक रसायन, सब्जियां, कपास, प्लास्टिक और पशुओं का चारा इत्यादि भेजा जाता है। वहीं, पाकिस्तान से भारत को कपास, फल व मेवे, मिनरल फ्यूल, वैक्स, सल्फर, नींबू, सीमेंट आदि का निर्यात किया जाता है।


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