• माकपा ने कश्मीर मसले पर भारत की आलोचना की

    अगरतला। “भारत के पड़ोसियों के प्रति ‘बड़े भाई कर रवैया’ अपनाने” संबंधी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के वक्तव्य से उत्पन्न विवाद खत्म भी नहीं हुआ था कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की प्रदेश समिति ने एक कदम अागे बढ़कर भारत के कश्मीर मसले पर रूख की आज आलोचना कर दी।...

     

    माकपा ने कश्मीर मसले पर भारत की आलोचना की

    अगरतला। “भारत के पड़ोसियों के प्रति ‘बड़े भाई कर रवैया’ अपनाने” संबंधी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के वक्तव्य से उत्पन्न विवाद खत्म भी नहीं हुआ था कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की प्रदेश समिति ने एक कदम अागे बढ़कर भारत के कश्मीर मसले पर रूख की आज आलोचना कर दी।

    गौरतलब है कि श्री सरकार ने गत सप्ताह पूर्वाेत्तर में कनेक्टिवीटी पर आयोजित व्यापार सम्मेलन के दौरान विदेशी प्रतिनिधिमंडल के समक्ष उक्त बयान दिया था जिसको लेकर विवाद है। इस बीच माकपा के राज्य सचिव बिजन धर ने यहां कहा कि भारत को जम्मू कश्मीर के मसले पर किसी पूर्व शर्त के और किसी तीसरी पार्टी को शामिल किये बगैर सभी पक्षों से द्वीपक्षीय बातचीत करनी चाहिए।


     धर ने कहा,“ हम कश्मीर से सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून को तत्काल वापस लेने और उसके सभी तीन क्षेत्रों-जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को और अधिक स्वायत्तता देने का सुझाव दे रहे हैं। इसके अलावा स्थिति से निपटने के लिए समुचित आर्थिक और विकास पैकेज भी दिया जाए। लेकिन, निश्चित रूप से सीमा पर सेना जुटाकर नहीं।

    ” उन्होंने कहा,“दक्षिण चाइना समुद्र में भारत की मौजूदगी और अफगानिस्तान में इसका जमावड़ा से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका और अन्य सामा्रज्यवादियों के कनीय सहयोगी के तौर पर काम कर रहे हैं। ” पड़ोसियों के साथ ‘बड़े भाई के रवैये’ से संबंधित श्री सरकार के बयान को न्यायोचित ठहराते हुए धर ने कहा,“ ना केवल पाकिस्तान बल्कि नेपाल और म्यांमार भी हाल के अवसरों पर भारत का उनके प्रति रवैये से वाकिफ हैं।

    ” उन्होंने कहा,“बांग्लादेश के साथ पश्चिम बंगाल में तीस्ता के जल बंटवारे के मामले में भारत की भूमिका भी अच्छे पड़ोसी के प्रति उसके दृष्टिकोण को साबित किया है। ” धर ने कहा,“चीन एक समाजवादी देश है; उसके लिए साम्राज्यवाद केवल नीति या जनादेश नहीं है।  

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