• उरी अातंकी हमले के दोषियों को अवश्य दंडित किया जाएगा: मोदी

    नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में उरी के सैन्य शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कल दोहराया कि इस हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें अवश्य दंडित किया जाएगा।...

     

     उरी अातंकी हमले के दोषियों को अवश्य दंडित किया जाएगा: मोदी

    नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में उरी के सैन्य शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कल दोहराया कि इस हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें अवश्य दंडित किया जाएगा। आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में श्रमोदी ने कहा,“हमें सेना पर पर नाज और पूरा भरोसा है।

    हम लोग बोलते हैं लेकिन सेना बोलती नहीं है, वह पराक्रम करती है और अपने पराक्रम से ऐसी हर साज़िश को नाकाम करेगी। सबसे पहले उरी हमले में शहीद हुए जवानों को नमन करते हुए उन्होंने कहा,“इस आतंकवादी हमले में हमने अपने 18 बहादुर सैनिकों को खोया है। मैं उन सभी बहादुरों को नमन करता हूं और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

    ” मोदी ने कहा कि इससे केवल शहीद सैनिकों के परिवारों को क्षति नहीं हुई है बल्कि इससे पूरे देश को क्षति हुई है। प्रधानमंत्री ने कल कोझिकोड में एक रैली में कहा था कि पाकिस्तान पूरे विश्व में आतंकवाद फैला रहा है और एक दिन वहां के लोग ही अपने नेताओं के खिलाफ विद्रोह कर देंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग अब राष्ट्र विरोधी ताकतों को पहचानने लगे हैं और ऐसी ताकतों से दूरी बनाकर शांति के मार्ग पर चल पड़े हैं।


    इस सिलसिले में उन्होंने एक युवक हर्षवर्धन का उल्लेख करते हुए कहा कि उरी हमले से विचलित इस युवक ने प्रतिदिन तीन घंटे और अध्ययन करने तथा अच्छा नागरिक बनने की सौंगध ली है। मोदी ने शान्ति, एकता और सद्भावना को समस्याओं का समाधान और प्रगति का मूलमंत्र बताते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि हर समस्या का समाधान मिल-बैठकर ढूंढ़ लिया जाएगा और कश्मीर की भावी पीढ़ी के लिये उत्तम मार्ग भी प्रशस्त होगा।

    उन्होंने कहा कि कश्मीर के नागरिकों की सुरक्षा शासन की जिम्मेदारी है। क़ानून और व्यवस्था बनाने के लिये शासन को कुछ क़दम उठाने पड़ते हैं लेकिन सुरक्षा बलों को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी सामर्थ्य और शक्ति का उपयोग क़ानून और व्यवस्था के लिये हो। प्रधानमंत्री ने देश के विकास को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए सभी के योगदान का आह्वान करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आंदोलन की तीव्रता को रचनात्मक सामाजिक कार्यों की तरफ प्रेरित करने के सफल प्रयोग किये थे।

    शास्त्री जी ने ‘जय जवान - जय किसान’ मंत्र देकर के देश के सामान्य मानव को देश के लिए कार्य कैसे करना है, उसकी प्रेरणा दी थी। बम-बन्दूक की आवाज़ के बीच देशभक्ति को प्रकट करने का और भी एक रास्ता हर नागरिक के लिये होता है, यह उन्होंने प्रस्तुत किया था। गाँधी जी भी, आज़ादी का आन्दोलन जब तीव्रता पर होता था और आन्दोलन में एक पड़ाव की ज़रूरत होती थी, तो वे उसकी तीव्रता को समाज के अन्दर रचनात्मक कामों की ओर प्रेरित करने के लिए बड़े सफल प्रयोग करते थे।  

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