• केरल: वोट की मंडी का माल नहीं हैं मुसलमान: मोदी

    कोझिकोड। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने वैचारिक अधिष्ठाता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाने की कल घोषणा की जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुसलमानों को ‘वोट की मंडी का माल’ नहीं समझने और उन्हें अपना मान कर उनके उत्थान के लिये काम करने की जरूरत पर बल दिया।...

     

    केरल: वोट की मंडी का माल नहीं हैं मुसलमान: मोदी

    कोझिकोड।  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने वैचारिक अधिष्ठाता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाने की कल घोषणा की जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुसलमानों को ‘वोट की मंडी का माल’ नहीं समझने और उन्हें अपना मान कर उनके उत्थान के लिये काम करने की जरूरत पर बल दिया।

    केरल के इस उत्तरी समुद्र तटीय शहर में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ये फैसले लिये गये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरलीमनोहर जोशी, केन्द्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडु, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ देश भर से आये 1700 से अधिक प्रतिनिधियों ने पं. दीनदयाल उपाध्याय को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

    इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने समापन संबोधन में कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने जीवन भर ‘सर्वजन हिताय’ और ‘सर्वजन सुखाय’ के लिये काम किया। उनके लिये समाज में कोई अछूत नहीं था। सभी वर्गों पंथों के प्रति हमारा भाव क्या होना चाहिये, यह उन्होंने बताया था। श्री मोदी ने कहा कि लोग भाजपा को गलत ढंग से निरूपित करना चाहते हैं।

    उन्हें पता ही नहीं है कि यह दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि सेकुलरिज्म की विकृत परिभाषा दी जा रही है। देश में अल्पसंख्यकों की ओर देखने का दृष्टिकोण गलत है। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय को उद्धृत करते हुए कहा, “मुसलमानों को ना पुरस्कृत करें और ना तिरस्कृत करें। उनका परिष्कार करें। मुसलमानों को वोट की मंडी का माल ना समझें और ना ही उन्हें घृणा की वस्तु मानें। उन्हें अपना समझें।

    ” उन्होंने कहा कि भाजपा को केन्द्र में पूर्ण बहुमत की सरकार मिली है, वह पं. दीनदयाल उपाध्याय के चरैवेति चरैवेति के मंत्र पर चलते हुए मिली है। इसीलिये उन्होंने इस सरकार को गरीबों वंचितों, शोषितों की सरकार कहा था। उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल के रूप में भाजपा के लिये सत्ता के सिंहासन पर पहुँचना यात्रा का अंत नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा की यात्रा लेने पाने बनने की यात्रा नहीं रही है।


    वह लगातार अंत्योदय, दरिद्रनारायण और जनसेवा के मंत्राें पर चलती रही है। पं. दीनदयाल उपाध्याय को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि सत्ता के माध्यम से हम दलित शोषित पीड़ित वंचित लोगों और समाज में अंतिम व्यक्ति के सामाजिक आर्थिक सशक्तीकरण करें। पार्टी ने इस अवसर पर पं.दीनदयाल जन्मशताब्दी प्रस्ताव पेश किया जिसमें कार्यकताओं से दीनदयाल शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में पूरे देश में मनाने का आह्वान किया गया।

    केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा पेश इस प्रस्ताव का अनुमोदन झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया। प्रस्ताव में कहा गया कि कांग्रेस की नीतियों के कारण आजादी के 70 साल बाद भी हम अपने सामाजिक लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाये जिसकी वजह लंबे समय तक आर्थिक विषमता को समाप्त नहीं कर पाना रहा है। प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टी यह संकल्प करती है कि हम दीनदयालजी द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलें और एक विकसित एवं न्यायपूर्ण भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिये मिलकर काम करें जहां सबसे गरीब व्यक्ति का ध्यान रखा जाये।

    पार्टी केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह करती है कि वह दीनदयालजी के एकात्म मानव दर्शन के उद्देश्यों के अनुसार अंत्योदय के सिद्धांतों के अनुरूप गरीबों के कल्याण के लिए पूर्ण मनोयोग से कार्य करें। कोझिकोड के एक उद्यान एवं सम्मेलन केन्द्र स्वप्ननगरी में बनाये गये भव्य पंडाल में पं. दीनदयाल उपाध्याय की आवक्ष प्रतिमा पर श्री मोदी और श्री शाह के अलावा दीनदयाल उपाध्याय के साथ काम कर चुके श्री आडवाणी और डॉ. जोशी ने पुष्पांजलि अर्पित की।

    कार्यक्रम का संचालन पार्टी के उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने किया। बाद में पं. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित एक लघुफिल्म भी दिखायी गयी। इस मौके पर श्री शाह ने अपने संबोधन में कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय ने जनसंघ के माध्यम से अपनी वैचारिक यात्रा की जब शुरुआत की थी तो किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि जनसंघ आज भाजपा के रूप में सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनेगा और 13 राज्यों में देश के कुल 50 प्रतिशत भूभाग और 42 प्रतिशत आबादी शासन की स्वाभाविक पार्टी बन जायेगी।

    उन्होंने कहा कि भारत में हो रहे इस परिवर्तन को पूरी दुनिया विस्मय से देख रही है। अतीत के गौरव को लेकर भाजपा पंचायत से संसद तक शानदार प्रदर्शन कर रही है और दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों पर आगे बढ़ रही है। सहस्रबुद्धे ने प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के लेखन कार्य के संकलन ‘दीनदयाल समर्पण’ के 15 खंडों का नौ अक्टूबर को प्रधानमंत्री श्री माेदी, श्री शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी के हाथों नई दिल्ली में विमोचन किया जायेगा।  

अपनी राय दें