• आईबा ने बीएफआई के चुनावों के लिये एडगर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया

    नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ(आईबा) ने भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) के चुनावों के लिये ओसनिया जोन के उपाध्यक्ष एडगर तानेर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।...

     

       आईबा ने बीएफआई के चुनावों के लिये एडगर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया

    नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ(आईबा) ने भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) के चुनावों के लिये ओसनिया जोन के उपाध्यक्ष एडगर तानेर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। आस्ट्रेलिया के तानेर मुंबई में रविवार को होने वाले चुनावों में मुख्य पर्यवेक्षक होंगे। अर्से से निलंबित चल रहे भारतीय मुक्केबाजी संघ के नये सिरे से चुनाव और संस्था के दोबारा से कामकाज शुरू करने को लेकर वैश्विक संस्था ने इन चुनावों को गंभीरता से लेते हुये बड़े स्तर के अधिकारी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

    पिछले चार वर्षाें में बीएफआई दूसरी संस्था होगी जो देश में मुक्केबाजी का प्रशासन संभालेगी। संस्था के अध्यक्ष पद की दौड़ में उत्तराखंड के अजय सिंह और दिल्ली के रोहित जैन शामिल हैं जबकि हिमाचल प्रदेश के राजेश भंडारी और हरियाणा के राकेश थाकरन अपने नाम वापिस ले चुके हैं। थाकरन हालांकि महासचिव पद की दौड़ में शामिल हैं। उनके अलावा इस पद की दौड़ में गोवा की लैनी डी गामा और महाराष्ट्र के जय कोवली भी शामिल हैं।


    असम के हेमंत कुमार कलिता के कोषाध्यक्ष के पद पर चुना जाना तय है क्योंकि अन्य दावेदार मेघालय के जॉन कार्शिंग ने इस पद की दौड़ से अपना नाम वापिस ले लिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाई स्वप्न बनर्जी पूर्वी जोन से जोनल सचिव चुना गया है। इससे पहले पांच उपाध्यक्ष और दो जोन सचिवों को निविर्रोध चुन लिया गया है।

    उल्लेखनीय है कि इससे पहले देश में मुक्केबाजी को भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी संघ(आईएबीएफ) चला रही थी जिसे वर्ष 2012 में चुनावों में धांधली के आरोपों के बाद निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद बाक्सिंग इंडिया ने वर्ष 2014 में मुक्केबाजी का प्रशासन देखना शुरू किया लेकिन राज्य मुक्केबाजी संघों के विरोध के कारण वह एक वर्ष भी पूरी तरह से अपना काम जारी नहीं रख सकी।

    देश में मुक्केबाजी संस्था की अनुपस्थिति का ही नतीजा था कि रियो ओलंपिक के लिये केवल तीन पुरूष खिलाड़ी ही क्वालीफाई कर सके जिसमें पदक किसी को नहीं मिला जबकि महिलाओं में कोई खिलाड़ी क्वालीफाई तक नहीं कर सकी थी।  

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