नई दिल्ली ! सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में राजमार्ग के निकट मां-बेटी के साथ हुए बलात्कार को लेकर अखिलेश सरकार में मंत्री आजम खान के विवादित बयान पर आज उनसे एवं राज्य सरकार से जवाब तलब किया। जिस पर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है। न्यायालय ने फिलहाल इस मामले की सीबीआई जांच पर रोक भी लगा दी है। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार एवं खान की खिंचाई करते हुए कहा कि इस मामले में खान जैसे नेता द्वारा दिया गया ‘विवादित’ बयान जांच एवं सम्पूर्ण तंत्र को लेकर संदेह पैदा करता है।
आजम ने बलात्कार की घटना को बताया था साजिश
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता खान ने इस घटना को उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ साजिश करार दिया था। न्यायालय ने यह भी सवाल किया कि क्या इस तरह के बयान को अभिव्यक्ति की आजादी माना जाए या यह समझा जाए कि संविधान में इस अधिकार को शामिल किए जाने के सिद्धांत निष्फल साबित हुए हैं।
पीडि़ता की याचिका पर सुनवाई
पीडि़ता की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा है। पीडि़त मां-बेटी ने न्यायालय से गुहार लगाई है कि मुकदमे को दिल्ली हस्तांतरित करने के साथ ही अपनी निगरानी में सीबीआई जांच कराए। साथ ही परिवार की सुरक्षा और नाबालिग पीडि़ता की शिक्षा आदि का इंतजाम करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
राजमार्ग 91 पर हुई थी अनहोनी
गौरतलब है कि डकैतों के एक दल ने नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार की एक महिला और उसकी 14 वर्षीय बेटी को बुलंदशहर के पास राजमार्ग संख्या 91 पर कार से बाहर खींच लिया था और उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया था।