• बस में दम तोडऩे वाली महिला का शव रास्ते में उतारा, कार्रवाई के निर्देश

    दमोह/भोपाल ! दमोह जिले में बस में यात्रा के दौरान एक महिला की मौत हो जाने पर शव को रास्ते में ही उतारे जाने के मामले पर राज्य के गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने चालक-परिचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं, वहीं बस का परमिट भी निरस्त किए जाने की बात कही है।...

    दमोह/भोपाल !   दमोह जिले में बस में यात्रा के दौरान एक महिला की मौत हो जाने पर शव को रास्ते में ही उतारे जाने के मामले पर राज्य के गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने चालक-परिचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं, वहीं बस का परमिट भी निरस्त किए जाने की बात कही है। बताया गया है कि छतरपुर जिले के घूघरी गांव के रामसिंह लोधी की पत्नी मल्ली बाई (35) पिछले दिनों ही एक बच्ची को जन्म दिया था। उसकी तबीयत बिगडऩे लगी तो परिजन एक निजी बस से उपचार कराने दमोह के लिए रवाना हुए, क्योंकि यह गांव दमोह जिले की सीमा के पास स्थित है। मल्ली बाई के परिजनों के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन गुरुवार को जब वे रास्ते में ही थे, तब मल्ली की मौत हो गई। इस पर बस के चालक और परिचालक ने उनके शव को परासिया गांव के पास उतार दिया। महिला के साथ पांच दिन का नवजात शिशु था। इस घटना को वहां से गुजर रहे दो अधिवक्ताओं मृत्युंजय हजारी व राजेश पटेल ने देखा और उन्होंने इन पीडि़तों की मदद की पहल की।   बताया कि वे अपने साथी के साथ मोटरसाइकिल से गुजर रहे थे, उन्होंने देखा कि एक महिला को अचेत अवस्था में बस से उतारा जा रहा है। जब उन्होंने रामसिंह से पूछा तो उसने बताया कि मल्ली की मौत हो गई है और चालक-परिचालक ने शव को उतारने के लिए कहा है। उनके साथ एक नवजात बच्ची भी थी। हजारी के अनुसार, उन्होंने पीडि़त परिवार से दमोह अस्पताल चलने को कहा, उनका मानना था कि महिला जीवित है या मृत, यह सामान्य आदमी तय नहीं कर सकता, लिहाजा वे अस्पताल ले जाना चाहते थे, मगर परिजन तैयार नहीं हुए। इस स्थिति में डायल 108 को सूचना दी, मगर वहां से सहयोग नहीं मिला, उसके बाद डायल 100 को खबर की, पुलिस आई मगर मदद नहीं की। आखिर में एक निजी वाहन के जरिए शव को मय परिजन को उनके गांव भेजा गया। महिला के शव को मय पांच दिन के बच्चे के साथ बस से उतारे जाने का मामला सामने आने पर जिलाधिकारी डॉ. श्रीनिवास शर्मा ने साफ किया है कि बस मालिक को सूचना पत्र जारी कर चालक-परिचालक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं राज्य के गृह व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा है कि यह घटना अमानवीय है, लिहाजा चालक-परिचालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी और बस का परमिट निरस्त किया जाएगा। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने इस अमानवीय घटना के सामने अपने पर कहा है कि प्रदेश में सरकार से जुड़े व्यक्ति की मौत होती है तो उसे एयर एम्बुलेंस मिल जाती है, मगर आम आदमी को वाहन तक नसीब नहीं हो रहा है।


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