स्क्रेम जेट इंजन के परीक्षण उड़ान की तैयारी पूरी
चेन्नई। लागत घटाने और पेलोड क्षमता बढ़ाने की कोशिश के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधन संगठन (इसरो) ने पूरी तरह से स्वदेश निर्मित स्क्रैमजेट इंजन की कल होने वाली परीक्षण उड़ान की तैयारी पूरी कर ली है। इसरो ने आरएच-560 राॅकेट में इस सुपरसोनिक कंबशन रैमजेट यानी स्क्रैमजेट को लगाया है और कल सुबह छह बजे इसका श्रीहरिकोटा में परीक्षण होना है।
इसरो के सूत्रों ने बताया कि स्क्रैमजेट इंजन की वजह से प्रक्षेपण की लागत कम आयेगी , क्योंकि इससे प्रक्षेपण यानों के ईंधन के साथ ले जाये जाने वाले आॅक्सीडाइजर के वजन में भारी कमी आयेगी। पहले इसका परीक्षण 28 जुलाई को होना था , लेकिन वायुसेना के मालवाहन विमान एएच-32 के गत 22 जुलाई के लापतार होने के बाद उसकी तलाश में इसरो के जुट जाने के कारण परीक्षण स्थगित कर दिया गया था।
तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने स्क्रैमजेट इंजनों को विकसित किया है, जिसका इस्तेमाल आर एच -560 रॉकेट के लिए हो सकता है। यह इंजन देश का पहला पुन: इस्तेमाल किये जाने वाले प्रक्षेपण यान के निर्माण की इसरो की योजना का एक हिस्सा है। परीक्षण के दौरान इंजन को दो चरणों के आरएच-560 साउंडिंग रॉकेट में लगाया जाएगा और कंवेशनल इंजन के माध्यम से इसे 70 किलोमीटर की ऊंचाई पर प्रक्षेपित किया जाएगा।
आर एच का मतलब है रोहिणी क्लास साउंडिंग रॉकेट और 560 इसके व्यास (मिलीमीटर में) का द्योतक है। रॉकेट का पहला चरण तब अलग होकर बंगाल की खाड़ी में गिर जाएगा। रॉकेट का दूसरा चरण ध्वनि की गति से छह गुणे रफ्तार से कुछ देर तक समतल चलेगा और इसी दौरान पांच सेकंड के लिए स्क्रैमजेट इंजन में दहन हाेगा।