• उप्र: दलित उत्पीड़न के आरोप में 3 सिपाही निलंबित

    बांदा। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के तेंदुरा गांव में पिछले शुक्रवार को कुछ स्थानीय लोगों के साथ एक दलित के घर में घुस कर महिलाओं के साथ अभद्रता और तोड़फोड़ करने के आरोपी ओरन पुलिस चौकी के तीन सिपाहियों को डीजीपी के आदेश पर एसपी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। ...

     

    उप्र: दलित उत्पीड़न के आरोप में 3 सिपाही निलंबित

    बांदा।  उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के तेंदुरा गांव में पिछले शुक्रवार को कुछ स्थानीय लोगों के साथ एक दलित के घर में घुस कर महिलाओं के साथ अभद्रता और तोड़फोड़ करने के आरोपी ओरन पुलिस चौकी के तीन सिपाहियों को डीजीपी के आदेश पर एसपी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। हालांकि अभी प्रभारी उपनिरीक्षक और मुंशी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

    पुलिस अधीक्षक बांदा आरपी पांडेय ने बताया, "तेंदुरा गांव में पिछले शुक्रवार को गांव के कुछ लोगों के साथ ओरन पुलिस चौकी के सिपाही भानुप्रताप, भूपेंद्र और एक अन्य ने विकलांग दलित संतोष के घर में घुस कर महिलाओं के साथ अभद्रता की थी। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर तीनों सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया है।"


    उन्होंने बताया कि चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक व मुंशी के विरुद्ध लगे आरोपों की जांच के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पीड़ित दलित ने बताया कि घटना के बाद दरोगा छुट्टी पर चले गए थे। वापस आने के बाद वह उसे (संतोष) व उसके परिवार को तबाह करने की धमकी दे रहे हैं। संतोष ने बताया कि घटना की सूचना देने जब वह चौकी गया तो दरोगा और मुंशी ने उसे छह घंटे तक लॉकप में बंद रखा।

    पीड़ित का आरोप है कि गांव के संतराम सिंह, लालू सिंह, अमित सिंह व तीनों सिपाहियों के खिलाफ अभी तक प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई है। सामाजिक संगठन पब्लिक एक्शन कमेटी (पीएसी) की प्रमुख श्वेता मिश्रा ने फोन पर शनिवार को बताया, "इतनी बड़ी घटना में सिर्फ सिपाहियों का निलंबन काफी नहीं है। दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जाना चाहिए।" उन्होंने बताया कि इस आशय का पत्र डीजीपी और राज्यपाल को भेजा गया है।

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