• दही हांडी पर न्यायालय का आदेश बेअसर, बनाया 20 की जगह 42 फुट ऊंचा पिरामिड

    मुंबई ! जन्माष्टमी के मौके पर जहां पूरे देश में दही-हांडी फोडऩे की परंपरा धूमधाम से मनाई गई वहीं दूसरी ओर मुंबई में सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश की धज्जियां उड़ाई गई जिसमें दही हांडी के लिए 20 फिट से ऊंचे मानव पिरामिड पर रोक लगा दी गई है। शिवसेना प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस आदेश मानने से इनकार किया है।...

    मुंबई !   जन्माष्टमी के मौके पर जहां पूरे देश में दही-हांडी फोडऩे की परंपरा धूमधाम से मनाई गई वहीं दूसरी ओर मुंबई में सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश की धज्जियां उड़ाई गई जिसमें दही हांडी के लिए 20 फिट से ऊंचे मानव पिरामिड पर रोक लगा दी गई है। शिवसेना प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस आदेश मानने से इनकार किया है। उनकी पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में 42 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी लटकाई गई है। ठाणे स्थित भागवती स्कूल में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने दही हांडी का आयोजन किया है। यहां सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए 42 फीट पर दही हांडी लगाया गया है।   निर्देश न मानने वालों पर होगी कार्रवाई पिरामिड वाली परंपरा में नाबालिगों ने भी हिस्सा लिया। इससे इतर मुंबई के कई इलाकों में गोविंदाओं ने 20 फीट से ऊंचे पिरामिड की तैयारी की है। प्रशासन का कहना है? कि जहां भी आदेश को नहीं माना जाएगा, वहां आयोजकों पर कार्रवाई की जाएगी। जिन्होंने न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मुंबई के कई इलाकों में न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए 20 फीट से ऊंचा पिरामिड बनाया गया। डोंबिवली में जहां गोविंदाओं ने न्यायालय के आदेश से नाराजगी जताते हुए इसे नहीं माना, वहीं दादर में काले झंडे भी दिखाए गए। हालांकि प्रशासन से समय रहते संज्ञान लिया और दादर में 20 फीट से ऊंचे दही-हांडी को तोड़ दिया। क्या कहा था सर्वोच्च अदालत ने? गौरतलब है कि दही-हांडी के आयोजकों को झटका देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने अपने उस आदेश में संशोधन करने से इनकार कर दिया, जिसमें मानव पिरामिड की अधिकतम ऊंचाई 20 फुट निर्धारित कर दी गई थी। पीठ ने मुंबई के एक संगठन की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि नहीं, हम फिलहाल इसमें संशोधन नहीं करने जा रहे हैं।


     

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