• स्वार्थी तत्व महानदी के मुद्दे पर फैला रहे वैमनस्य

    रायगढ़ ! महानदी के पानी के मुद्दे पर उठे विवाद के बीच राजा नरेशचंद्र सिंह शाला सारंगढ़ में संयुक्त नागरिक पहल के तहत ‘महानदी जोड़ती है, तोड़ती नहीं’ पर केन्द्रित एक संगोष्ठी हुई। संगोष्ठी का आयोजन इंटैक रायगढ़-सारंगढ़ चेप्टर एवं संबलपुर उड़ीसा चेप्टर के तत्वावधान में हुआ।...

    ‘महानदी जोड़ती है, तोड़ती नहीं’ पर केंद्रित इंटैक की संगोष्ठी में प्रबुद्धजनों ने रखे विचार कोर कमेटी दोनों राज्यों के सरकारों को सौंपेगी ज्ञापन, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अविलंब वार्ता करने का अनुरोध


    नदियों को बचाने निकाली जाएगी यात्रा रायगढ़ !   महानदी के पानी के मुद्दे पर उठे विवाद के बीच राजा नरेशचंद्र सिंह शाला सारंगढ़ में संयुक्त नागरिक पहल के तहत ‘महानदी जोड़ती है, तोड़ती नहीं’ पर केन्द्रित एक संगोष्ठी हुई। संगोष्ठी का आयोजन इंटैक रायगढ़-सारंगढ़ चेप्टर एवं संबलपुर उड़ीसा चेप्टर के तत्वावधान में हुआ। इस संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में पानी ,कृषि, एवं पर्यावरण पर काम करने वाले संगठन और महानदी के किनारे के 80 गांवों के लगभग दो सौ ग्रामीण उपस्थित थे। सभा के सुचारू संचालन के लिये बने अध्यक्ष मंडल में सामाजिक चिंतक, विचारक एवं वरिष्ठ पत्रकार  ललित सुरजन, महेन्द्र कुमार मिश्र, लिंग राज, सुदर्शन दास,महंत रामसुंदर दास की उपस्थिति में महानदी सहित सभी नदियों को बचाने इन पर बने बांधों से हुए विस्थापन, नदियों के पानी का औद्योगिक उपयोग, खासकर पानी निगलने एवं धुआँ उगलने वाले ताप विद्युत गृहों से हो रहे नुकसान एवं सामाजिक तनाव पर सार्थक चर्चा हुई। वक्ताओं ने महानदी के पानी को लेकर निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा दोनों प्रदेश की जनता के बीच वैमनस्य फैलाने की तीखी आलोचना किया। वरिष्ठ  साहित्कार सतीश जायसवाल ने महानदी के सांस्कृतिक ऐतिहासिक और उस पर निर्भर जातियों की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हीराकुंड बांध सहित अन्य बांध बनने के बाद आज एक बार फिर नव परिवहन की बातें हो रही है, जो नदियों के बहते रहने की शर्तों पर ही संभव होगा। डॉ परिवेश मिश्रा ने महानदी घाटी मे रहने वाले दोनो राज्यों के आम लोगों के बीच  सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक परम्पराओं को मजबूत बना कर अपने हितों की लड़ाई मिल कर लडऩे पर जोर दिया। उड़ीसा के लिंग राज ने हीराकुंड बांध तक पास्को के पाइपलाइन का विरोध और किसानों को पानी देने के सवाल पर चालीस हजार किसानों के साथ किए आंदोलन के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जगह जगह लोगों के बीच सभा करें, उन तक साहित्य पहुंचाया जाए, जैसा कि हमने अपने आंदोलन के समय पुस्तिका बांटी थी। संगोष्ठी मे आलोक शुक्ला, प्रफुल्ल सामंतरे, आनंद मिश्रा, नंद कश्यप, अभय पाढ़ी, तथा इन्टैक सारंगढ़ - रायगढ़ चैप्टर की संयोजक कुलिशा मिश्रा सहित अनेक वक्ताओं ने अपने सुझाव और विचार रखे। अंत में सभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव में दस सदस्यीय कोर कमेटी बनाने, दोनों प्रदेशों की राज्य सरकारों को ज्ञापन देने, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अविलंब बात करने का अनुरोध, पानी पर हुए अध्ययन के आधार पर विभिन्न जगहों पर बैठक करने  तथा यात्रा की तैयारियों के लिए उड़ीसा में एक बैठक करने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. परिवेश मिश्रा ने किया।

अपनी राय दें