• निर्भया दुष्कर्म कांड के सजायाफ्ता ने की आत्महत्या की कोशिश

    नई दिल्ली ! दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए चार अपराधियों में से एक विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या करने की कोशिश की। उसने बुधवार रात जेल के कमरे में लगे वेंटिलेटर से गमछा लटकाकर फांसी लगाने की कोशिश की।...

    नई दिल्ली !  दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए चार अपराधियों में से एक विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या करने की कोशिश की। उसने बुधवार रात जेल के कमरे में लगे वेंटिलेटर से गमछा लटकाकर फांसी लगाने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाए गए विनय को उपचार के बाद फिर से जेल भेज दिया गया है। विनय कुमार उस बस का चालक था, जिसमें निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। विनय को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देश को झकझोर कर रख देने वाले निर्भया कांड के एक दोषी द्वारा खुदकुशी के प्रयास पर निर्भया के माता-पिता ने गुरुवार को कहा कि वे मामले में दोषी ठहराए गए सभी दोषियों की मौत चाहते हैं, ताकि वे चैन की सांस ले सकें। पीड़िता के पिता ने कहा, "अच्छी बात है। यह बड़ी बात है कि वह अभी तक जिंदा है। उसे बेहद जल्द मर जाना चाहिए। वैसे भी उसे आने वाले समय में तो मरना ही है। अगर वह अभी मर जाता है, तो यह हमारी बेटी के लिए श्रद्धांजलि होगी।" निर्भया के पिता ने टेलीफोन पर बातचीत में आईएएनएस से कहा कि समाज से कुछ लोगों का खत्म हो जाना अच्छी बात है, क्योंकि ऐसे लोग समाज व देश के लिए खतरा हैं। विनय को जेल नंबर आठ में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के भीतर रखा गया था। पुलिस उपायुक्त पुष्पेंद्र कुमार ने आईएएनएस को बताया, "उसके गले में मामूली चोटें आई थीं और अब वह बिल्कुल ठीक है। उसके शरीर पर और कहीं किसी तरह की चोट नहीं पाई गई।" कुमार ने विनय द्वारा फांसी लगाने से पहले किसी तरह की दवा का सेवन करने से इनकार किया। तिहाड़ जेल के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि विनय ने अपनी मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील करवाने की गरज से आत्महत्या की कोशिश भर की। सूत्र ने बताया कि विनय बुधवार की रात से ही जोर-जोर से चिल्लाकर कहने लगा था कि वह आत्महत्या कर लेना चाहता है और उसने खुदकुशी करने के लिए दवाएं खा रखी हैं। बाद में उसने फांसी लगाने की कोशिश की। विनय के साथ बंद दूसरे कैदियों ने विनय द्वारा फांसी लगाए जाने पर शोर मचाना शुरू किया, जिसे सुनकर तमिल पुलिस मौके पर पहुंच गई। तिहाड़ जेल के उपाधीक्षक ब्रिजेंद्र कुमार ने आईएएनएस को बताया, "तमिल पुलिस ने विनय को फांसी लगाते देख लिया और उसे खुदकुशी करने से बचाया।" कुमार से जब पूछा गया कि क्या विनय को जेल में प्रताड़ित किया जाता है, जिससे तंग आकर उसने खुदकुशी करने की कोशिश की तो कुमार ने कहा, "हमें विनय से इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली थी।" कुमार ने कहा, "हालांकि, मैं नहीं कह सकता कि उसने आत्महत्या की कोशिश क्यों की। हमने उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया।" विनय के वकील ए.पी.सिंह का कहना है कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का प्रयास है। सिंह ने आईएएनएस को बताया, "मैंने कुछ दिन पहले उससे जेल में मुलाकात की थी। उसने जेल में उसके साथ हो रहे उत्पीड़न के बारे में शिकायत की थी।" विनय को 2013 में जेल में अतिरिक्त सुरक्षा दी गई थी। उनसे शिकायत दर्ज कराई थी कि जेल के भीतर अन्य कैदी और पुलिस अधिकारी उसकी पिटाई करते हैं। दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में 23 वर्षीया छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के लिए विनय शर्मा, मुकेश, पवन, अक्षय ठाकुर, राम सिंह सहित एक नाबालिग दोषी ठहराया गया था। इस अपराध का मुख्य आरोपी राम सिंह 2013 में तिहाड़ जेल में मृत पाया गया था। शर्मा द्वारा खुदकुशी के प्रयास पर पीड़िता के पिता ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "यदि उसे खुदकुशी करनी थी, तो कर लेनी चाहिए थी। केवल वही नहीं, मैं सभी दोषियों की मौत चाहता हूं, ताकि हम राहत की सांस ले सकें।" कुछ इसी तरह की टिप्पणी पीड़िता की मां ने आईएएनएस से बातचीत में की। पीड़िता की मां ने आईएएनएस से कहा, "इन लोगों (सभी दोषियों) का पाप उन्हें जीने नहीं देगा। मेरी बेटी बिना पानी के 13 दिनों तक जिंदा रही। उसने बेहद दर्द और क्रूरता सही।"


अपनी राय दें