• सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे

    बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती में सरयू नदी खतरे के निशान से 85 सेमी0 नीचे बह रही है लेकिन तेजी से हो रही कटान से नदी किनारे बसे चार गांवों का अस्तित्व खतरे में पड गया है।...

     

    सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे 

    बस्ती।  उत्तर प्रदेश के बस्ती में सरयू नदी खतरे के निशान से 85 सेमी0 नीचे बह रही है लेकिन तेजी से हो रही कटान से नदी किनारे बसे चार गांवों का अस्तित्व खतरे में पड गया है। बाढ खण्ड कार्य के अवर अभिंयता खलील अहमद ने आज यहां बताया सरयू नदी का जलस्तर खतरे के बिन्दु से 85 सेमी0 नीचे आ गया है लेकिन नदी किनारे बसे कल्याणपुर, भरथापुर, सहजौरा, बाघानाला गांव के समीप सिवान में तेज कटान होने की वजह से इनके अस्तित्व पर खतरा बढता जा रहा है।

    नदी का दबाव तटवर्ती बीडी बंधे पर निरन्तर बना हुआ है। बंधा कई स्थानों पर कमजोर और पतला हो गया है। कटान को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।  अहमद ने बताया कि सरयू नदी की धारा पांच सौ मीटर की लम्बाई में बंधे से सीधे टकरा रही है। इससे 12 मीटर से भी अधिक क्षेत्र में कटान शुरू हो गया है।


    नदी का दबाव ठोकर नम्बर दो से छह के बीच लगातार बना हुआ है। कटान ठोकर संख्या दो और तीन के बीच काफी तेज है। इसकी वजह से बंधे का अधिकांश हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। इन ठोकरों को बचाने के लिए लोहे का जाल बनाकर बोल्डर और ईंट के टुकडे डालने का काम चल रहा है। नदी विक्रमजोत-लोलपुर तटबंध के समीप कई गांव में कटान कर रही है।

    क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि सरयू नदी वर्ष 1971 का इतिहास दोहराने को आतुर है। उनका कहना है कि वर्ष 1971 में शिवपुर, मिर्जापुर, सहजनपुर, महेशपुर, लक्ष्मणपुर, पीथमुपर, बेलवा बाजार समेत कई गांव बाढ और कटान से तहस लहस हो गये थे।  

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