ज्ञानवान समाज के बिना प्रगति संभव नहीं: प्रणब
कोलकाता। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज इस बात पर चिंता जतायी कि उच्च शिक्षा प्रणाली में बेहतर बुनियादी ढांचे के बावजूद विश्व रैंकिंग में देश के विश्वविद्यालय मुश्किल से जगह बना पाते हैं । मुखर्जी ने मुर्शिदाबाद के प्रबंधन विकास संस्थान के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वह संसद में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे तब उन्होंने प्रबंधन विकास संस्थान स्थापित करने की पहल की थी।
उन्होंने कहा कि आज इस संस्थान के पहले बैच के विद्यार्थियों ने प्रबंधन की डिग्रियां हासिल की हैं और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पल में साझीदार बनकर वह बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि संस्थानों को रैंकिंग प्रक्रिया को गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित करने के उनके प्रयास के बाद स्थिति में सुधार होने लगा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में विश्व के 100 शीर्ष विश्वविद्यालयों में दो भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों ने जगह बनाई थी और उम्मीद है कि भविष्य में इनकी संख्या और बढ़ेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अनुसंधान और नवाचार पर जोर देना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि ज्ञानवान समाज के बिना तरक्की संभव नहीं है।ज्ञान इंसान को तकनीक तक ले जाता है और तकनीक संमृद्धि का दरवाजा खोलती है।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार, पश्चिम बंगाल के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं बागवानी मंत्री अब्दुल रज्जाक मोल्ला आदि उपस्थित थे।